भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करना चीन को नागवार गुजर रहा है। चीन ने कोविंद के अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की आलोचना की है। चीन ने दावा किया है कि वो विवादित क्षेत्रों में भारतीय नेताओं की किसी भी गतिविधि का विरोध करेगा।
चीन हमेशा से ही किसी भारतीय नेता के अरूणाचल दौरे को लेकर विरोध करता आया है। इससे पहले जब भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरूणाचल प्रदेश का दौरा किया था तब भी चीन ने नाराजगी जताई थी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बीजिंग में एक दैनिक समाचार ब्रीफिंग में कहा कि चीन ने अभी तक अरूणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है।
लेकिन सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति स्पष्ट है। लू कांग ने कहा कि ऐसे समय में सीमा विवाद को जटिल बनाने से बचना चाहिए जब द्विपक्षीय संबंध निर्णायक क्षण में हो।
लू कांग ने शांति बनाने को कहा
लू कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को सीमा विवाद मुद्दो का समाधान करने से पहले संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र की शांति को बनाए रखने में मेहनत करनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि चीन-भारत के संबंध विकास के महत्वपूर्ण दौर में है।
ऐसे समय में चीन आशा करता है कि सीमा विवाद को निष्पक्ष व आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को शांति का माहौल स्थापित करने के लिए लंबित अंतिम समाधान के लिए काम करना चाहिए। भारत को इसके लिए सीमा विवाद मुद्दे पर अनुकूल स्थिति बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि भारत व चीन के बीच में सीमा विवाद को खत्म करने के कई बार प्रयास किए जा चुके है। लेकिन हर बार वार्ता विफल ही रही है।
वहीं रामनाथ कोविंद ने नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने उन्होंने राज्य के परिवहन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए संघीय सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों पर भी टिप्पणी की।