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    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को फ्लोरेंस नाइटिंगल श्रेणी में 36 नर्स व मिडवाइवस को राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान किए। यह अवार्ड चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सिग सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। इनमें एक अवार्ड केरल की एक नर्स दिवंगत लिनि सजीश को मरणोपरांत दिया गया। लिनि ने अपने जीवन की परवाह किए बिना निपाह वायरस से ग्रस्त रोगी की सेवा व उपचार किया और इस दौरान स्वयं उनकी मृत्यु हो गई।

    भारत सरकार द्वारा नर्सिग का यह राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व देशभर से आई नर्सो ने शिरकत की। लिनि सजीश केरल स्थित कोझीकोड के सरकारी अस्पताल में नर्स थी। उनके स्थान पर उनके पति ने राष्ट्रपति से राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल अवार्ड प्राप्त किया।

    गौरतलब है कि निपाह वायरस मुख्यत चमगादड़ के संपर्क में आने अथवा चमगादड़ के झूठे फल आदि खाने से होता है। इस वायरस का कोई सटीक उपचार अभी तक नहीं खोजा जा सका है। यह जानकारी होने के बावजूद लिनि सजीश ने इस रोग से ग्रस्त रोगी की सेवा व उपचार किया।

    नाइटिंगल अवार्ड प्रदान करने के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “नर्स सेवा, सुरक्षा व करुणा की सच्ची प्रतीक हैं। पोलियो, मलेरिया व एचआईवी एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने में भारत की नर्सो का महत्वपूर्ण योगदान है।” इस अवसर पर राष्ट्रपति ने नर्सिग ट्रेनिंग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशों में कार्यरत भारतीय नर्सो ने अपने अमूल्य योगदान से भारत का सम्मान बढ़ाया है।

    डब्लूएचओ ने 2020 को घोषिण किया है नर्स व मिडवाइवस वर्ष

    राष्ट्रपति कोविंद ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने वर्ष 2020 को नर्स एवं मिडवाइवस वर्ष घोषित किया है। डब्लूएचओ ने चिकित्सा के क्षेत्र में नर्स व मिडवाइवस के योगदान को सराहने के लिए यह कदम उठाया है। राष्ट्रपति कोविंद ने याद दिलाया है वर्ष 2020 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल का 200वां जन्मदिवस है। नाइटिंगेल का जन्म लंदन में हुआ था व उन्होंने नर्सिग के जरिए लोगों की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया।

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