राष्ट्रपति चुनाव (Prez Election): आगामी राष्ट्रपति चुनावों के सन्दर्भ में उम्मीदवारों को लेकर काफ़ी दिनों से चले आ रहे कयासों और चर्चाओं पर आज विराम लग गया।
गुरुवार (२१ जून) की सुबह पहले विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त रूप से पूर्व बीजेपी और अब पूर्व TMC नेता यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया तथा रात होते होते बीजेपी की पार्लियामेंट्री कमिटी ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल “द्रौपदी मुर्मू” को अपना उम्मीदवार घोषित किया।
संख्याबल के आधार पर अभी से यह तय माना जा रहा है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग पक्की है और अगर ऐसा हुआ तो श्रीमती मुर्मू देश की प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी।
आज की संसदीय बोर्ड की बैठक में हम सभी लोग इस मत पर आए कि भाजपा और NDA अपने सभी घटक दलों के साथ बातचीत करते हुए हम राष्ट्रपति के लिए अपना प्रत्यासी घोषित करें।
NDA की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को घोषित किया गया है।
– श्री @JPNadda pic.twitter.com/xpjENO3o0F
— BJP (@BJP4India) June 21, 2022
कौन हैं भावी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू?
गुजरात चुनावों के मद्देनजर आदिवासियों की संख्या को देखते हुए राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जरूर थी कि बीजेपी शायद कोई आदिवासी चेहरा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। परंतु कौन होगा वह चेहरा, इसे लेकर खूब सारे नामों का जिक्र था।
आज बीजेपी ने अभी किंतु-परंतु का पटाक्षेप करते हुए श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार घोषित कर उपरोक्त कयासों पर मुहर लगा दी। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से आने वाली आदिवासी चेहरा हैं और शाशन-प्रशासन में काफी अनुभव रखती हैं।
वह 2004-05 के दौरान ओडिसा राज्य में नवीन पटनायक सरकार में बतौर राज्य मंत्री मत्स्य पालन व पशुपालन विभाग कार्य कर चुकी हैं। इसके बाद बीजेपी 2015-2021 तक वह झारखंड की राज्यपाल रही हैं और बतौर राज्यपाल झारखंड में अपना कार्यकाल को पूरा करने वाली एकमात्र राज्यपाल रही हैं।
एक तीर से कई निशाना
श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश की है। सबसे पहले वह एक महिला है, ऊपर से आदिवासी (ST) भी… जिसका निश्चित ही फायदा उठाने की कोशिश पार्टी आगामी गुजरात चुनाव में करेगी।
वह झारखंड में लगातार 6 साल राज्यपाल के हैसियत से काम का अनुभव रखती हैं। ध्यातव्य है कि विपक्षी उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा भी झारखंड के हजारीबाग से ही आते हैं। झारखंड में आदिवासियों की संख्या काफ़ी प्रभावी है और ऐसे में “लोकल फैक्टर” को भी काटने की पूरी कोशिश होगी।
दूसरे श्रीमती मुर्मू उड़ीसा से आती हैं और साथ ही नवीन पटनायक सरकार के साथ काम करने का अनुभव रखती हैं। जाहिर है बीजेपी की नजर आगामी चुनाव में बीजू जनता दल (BJD) के समर्थन पर है। बीजेपी को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए एक BJD का समर्थन काफ़ी है।
कुल मिलाकर इस एक नाम से बीजेपी ने कई पहलुओं को छूने की कोशिश की है जिससे पहले ही अलग-थलग पड़ी विपक्ष की उम्मीदवारी और कमजोर हो सकती है।
PM मोदी ने जताया जीत का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाये जाने पर ट्वीट करके उनकी जीत का भरोसा दिलाया। उनके इस ट्वीट के जवाब में श्रीमती मुर्मू ने उनका और पार्टी का शुक्रिया अदा किया।
Smt. Droupadi Murmu Ji has devoted her life to serving society and empowering the poor, downtrodden as well as the marginalised. She has rich administrative experience and had an outstanding gubernatorial tenure. I am confident she will be a great President of our nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2022
नवीन पटनायक ने भी मुर्मू का किया समर्थन
उड़ीसा के मुखयमंती श्री नवीन पटनायक ने उनके पूर्व सहयोगी व उड़ीसा निवासी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को आगामी चुनाव में समर्थन देने की बात कही। साथ ही यह भी बताया कि द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगाने क पहले बीजेपी ने उनसे संपर्क किया था।
Congratulations Smt #DraupadiMurmu on being announced as candidate of NDA for the country’s highest office. I was delighted when Hon’ble PM @narendramodi ji discussed this with me. It is indeed a proud moment for people of #Odisha.
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) June 21, 2022
यशवंत सिन्हा के लिए बढ़ी मुश्किलें
विपक्ष के तरफ से ममता बनर्जी के अगुवाई में यह सहमति बनी कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व बीजेपी नेता व बाजपेई सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्ष के साझा उम्मीदवार होंगे। श्री सिन्हा पूर्व नौकरशाह रह चुके हैं और उम्मीदवार घोषित किए जाने के पहले तक तृणमूल कांग्रेस के सदस्य रहे हैं।
We (opposition parties) have unanimously decided that Yashwant Sinha will be the common candidate of the Opposition for the Presidential elections: Congress leader Jairam Ramesh pic.twitter.com/lhnfE7Vj8d
— ANI (@ANI) June 21, 2022
1993 में जब श्री सिन्हा ने जब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा तो उसे लाल कृष्ण आडवाणी ने पार्टी के लिए “दीवाली गिफ्ट” बताया। तब से लेकर आज एक लंबा सफर तय करने के बाद उन्हें अपनी ही पुरानी पार्टी के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है।
यह सर्वविदित है कि संख्याबल में बीजेपी बाकि दलों से कोसो आगे हैं। ऊपर से BJD द्वारा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा के बाद यशवंत सिन्हा के लिए मुश्किलें बढ़ गयी हैं। लेकिन यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी जीत या हार से ज्यादा प्रतीकात्मक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति चुनाव 2022 : महत्वपूर्ण तिथियां
वर्तमान राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62 (1) के प्रावधानों के अनुसार इस से पहले कि मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो, नए राष्ट्रपति का चयन सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
इसी के कारण चुनाव आयोग ने बीते 09 जून को राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े तारीखों का एलान किया। राष्ट्रपति चुनाव 2022 से जुड़ी महत्त्वपूर्ण तारीखें इस प्रकार हैं:-
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 29 जून
नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तिथि: 30 जून
उम्मीदवारी वापिस लेने की अंतिम तिथि: 02 जुलाई
मतदान की तिथि: 18 जुलाई
मतगणना की तिथि: 21 जुलाई