एन.डी.ए की और से राष्ट्रपति पद के लिए राम नाथ कोविंद चुने गए हैं। उत्तर प्रदेश के रहने वाले कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल के पद पर हैं। दा इंडियन वायर ने यहाँ कोविंद से जुड़े कुछ ख़ास तथ्यों को प्रस्तुत किया है।
पास की आई ए एस की परीक्षा – राम नाथ कोविंद ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा आई ए एस को भी पास किया था। हालाँकि उन्होंने आई ए एस की परीक्षा तीन प्रयासों में पास की थी। बाद में कोविंद ने आई.ए.एस का पद ठुकरा दिया और इलीट सेवा में नौकरी करने लग गए।
घर के बहार बैठकर करते थे पढाई – कोविंद के घर वालों ने बताया की जब घर में लाइट नहीं होती थी तो कोविंद घर के बाहर बैठकर पढाई करते थे। जब सब बच्चे खेला करते थे, तब भी कोविंद पढाई किया करते थे।
बहन खाना देती थी तभी खाया करते थे – कोविंद के घर वालों ने बताया की जब तक कोविंद की बहन उन्हें खाना नहीं परोसती थी, तब तक वे खाना नहीं कहते थे। एक बार उनकी बहन बाहर चली गयी थी तो कोविंद ने पुरे दिन खाना नहीं खाया था।
पढ़ने के लिए स्टोर रूम को बना लिया था अपना रूम – कोविंद को बचपन से ही पढाई का बहुत शोक था। पढाई से डिस्टर्ब न होने के लिए कोविंद ने घर के अंदर बने स्टोर रूम को ही अपना रूम बना लिया था। वे वहां बैठकर पढाई किया करते थे ताकि किसी आने जाने वालों से परेशान न हों।
घाटमपुर लोकसभा सीट से पहली बार लड़ा चुनाव – कोविंद 1977 में पहली बार दिल्ली आये और तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के सचिव के रूप में काम करने लगे। भाजपा ने उनके काम से खुश होकर 1990 में पहली बार उन्हें घाटमपुर लोकसभा सीट से चुआव लड़ने को कहा। हालाँकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश से रहे राज्यसभा के सदस्य – कोविंद 1994 से 2006 के बीच उत्तर प्रदेश की राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
नरेंद्र मोदी के हैं चहेते – कोविंद नरेंद्र मोदी के बहुत ही चहेते नेता हैं। मोदी ने कई बार अपने भाषण में कोविंद के बारे में बात की है। हाल ही में मोदी ने कोविंद के बारे में कहा “मैं आश्वस्त हूं कि रामनाथ कोविंद अलग तरह के राष्ट्रपति होंगे। वे गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। वे कानून के अच्छे जानकार हैं और संविधान के एक्सपर्ट भी हैं। इसका फायदा देश को मिलेगा।”