भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी को मिली जानकारी में पुष्टि की कि किले जैसी सुविधा के बावजूद एक भारी विस्फोट में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को एक खरोच तक नहीं आयी है। रावलपिंडी सैन्य अस्पताल में धमाके को लेकर काफी अफवाहे उड़ रही है।
धमाके के दौरान अज़हर अस्पताल में मौजूद था और उसका सैन्य अस्पताल में गुर्दे से सम्बंधित बिमारी का इलाज चल रहा था। सोमवार को सोशल मीडिया की अपडेट के मुताबिक, इस विस्फोट में अज़हर सहित 10 लोग जख्मी हुए हैं। पाकिस्तान में सुरक्षा तैनाती के सूत्रों ने बताया कि “वह बिना किसी शंका के कह सकते हैं कि यह सैन्य अस्पताल में एक भारी विस्फोट था, अज़हर बगैर एक खरोच के वहां से निकल भागा।”
अज़हर गुर्दे के फेल होने की बिमारी से जूझ रहा है और उसे रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में रोजाना डायलिसिस के लिए जाना होता है। इस अस्पताल में तगड़ी सुरक्षा सुविधा है और पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के घरो की छावनी के क्षेत्र में स्थापित है।
अज़हर बिना एक खरोच के वहां से भाग निकला, पाकिस्तान की सैन्य सुविधा पर हमले की सुई जैश की तरफ है विशेषकर भारतीय वायुसेना की फरवरी में बालाकोट में चरमपंथियों के शिविरों पर हमले के बाद यह संभव है। अज़हर हवाई हमले में बच निकला और उसके रावलपिंडी अस्पताल में इलाज जारी होने का यकीन है।
बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने अज़हर को एक सुरक्षित स्थान में भेज दिया था। रविवार की रात को पाकिस्तानी ट्वीटर यूज़र्स ने विस्फोट की वीडियो अपलोड की थी, कुछ का दावा था कि इसमें 10 लोग जख्मी हुए हैं।
अहसान उल्लाह मीअखिल नाम के ट्वीटर हैंडल ने धमाके की एक वीडियो को पोस्ट किया था। उनकी प्रोफाइल के अनुसार वह एक मानवधिकार कार्यकर्ता और पश्तून तहफूज़ आंदोलन के कार्यकर्ता है। उन्होंने लिखा, रावलपिंडी में सैन्य अस्पताल में जबरदस्त धमाका हुआ और 10 लोग जख्मी हुए हैं और उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर भी यहां भर्ती है। सेना ने मीडिया को इससे दूर रखा है और सख्ती से इस खबर को न कवर करने के आदेश दिए हैं।