अयोध्या में राम मंदिर बनने में हो रही देरी को लेकर गुरुवार को शिव शेना ने एक बड़ा बयान दिया। शिव शेना ने कहा की राम मंदिर मसले को कश्मीर मसले की तरह उलझा हुआ मत बनाइए, जिसका संकल्प लेकर मंदिर बनाने का इंतेज़ार अब तक सब को हैं।
उन्होंने कहा की,राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के नेताओ को राम मंदिर विवाद की सुनवाई कर रहे न्यायधीशो पर टिपन्नी करने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के तमाम नेताओं को पकड़ना चाहिए जो अब तक राम मंदिर न बनने के लिए जिम्मेदार है।
शिवसेना ने ‘सामना” नामक पार्टी के मुखपत्र के संपादकीय में कहा कि राम मंदिर मुद्दा कश्मीर के तरह उलझा हुआ नही होना चाहिए,जिसका निकटतम भविष्य में कोई समाधान निकलता नही दिखता। अपनी बात को आगे रखते हुए उन्होंने यहां तक कहा की राम मंदिर निर्माण में रुकावट के लिए बीजेपी को कांग्रेस की तरफ ऊँगली कतई नहीं उठानी चाहिए।
राम मंदिर विवाद से चौतरफा दबाव पड़ने पर, मंगलवार को मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गैर विवादित अधिगृहीत भूमि हिन्दू ट्रस्ट और उसके मालिकाना हक़ रखने वाले मालिकों को दे दिए जाने का प्रस्ताव रखा।
मोदी सरकार की इस कदम पर टिप्पणी करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा की अगर यही इसका समाधान था तो बीजेपी ने चार साल पहले ऐसा क्यों नहीं सोचा।
मराठी पब्लिकेशन की ऐसा लगता है की बीजेपी ने यह प्रस्ताव कोर्ट में लोक सभा चुनाव को देखते हुए भेजा है, जिसका कोई मतलब ही नही है। इस देश में भूख से लेकर राम मंदिर जैसे समस्या का निर्णय सब चुनाव की आँखों से ही देखा जाते हैं।
शिव शेना जो केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी का घटक दल भी है, कहा की एक बार जब गैर विवादित अधिगृहीत भूमि वापस उनके मालिकों को मिलेगी तो वे लोग राम मंदिर बनाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
दरअसल यह पहली दफा नहीं है जब जब उद्धव ठाकरे मोदी और बीजेपी को राम मंदिर मुद्दे पर घेर रहे है,इससे पहले भी वो कई बार इस मुद्दे पर हाई कमान पे भी बरस चुके हैं।