राम मंदिर के लिए निधि संग्रह अभियान गुरुवार से शुरू हो चुका है। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अब घर-घर जाकर कैश और ऑनलाइन माध्यम से राम मंदिर के लिए दान संग्रह करेंगे। इसके लिए दोनों संस्थाओं ने स्वयंसेवकों को टोलियों में बांटा हुआ है। इनके ऊपर घर घर से मंदिर के लिए दान एकत्रित कराने की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए जगह-जगह पर कार्यालय भी खोले गए हैं।
निधि संग्रह अभियान से पहले विश्व हिंदू परिषद ने प्रभात फेरी और पैदल यात्रा निकालकर भी लोगों को इस अभियान के लिए जागरूक किया था। कार्यकर्ताओं की तैयारी है कि कम से कम 11 करोड़ परिवारों तक सभी स्वयंसेवक पहुंचे, और उनसे दान राशि ली जाए। यह अभियान 27 फरवरी तक चलने वाला है। राम मंदिर के लिए हिंदू भी नहीं मुसलमान भी चंदे का प्रबंध कर रहे हैं। देशभर के लगभग सभी राज्यों में यह अभियान चलाया जा रहा है। जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कुछ दिन पहले कहा था कि मंदिर निर्माण दान राशि से ही किया जाने वाला है।
साथ ही राम जन्मभूमि के लिए जमा किए गए फंड की जानकारी धनुष ऐप के जरिए प्रबंधित की जाएगी। इस ऐप के जरिए जितनी भी रसीदें काटी जाएंगी उनकी रियल टाइम जानकारी इस पर उपलब्ध होगी। विश्व हिंदू परिषद इस ऐप को तैयार करवाया है। इसके जरिए जितने भी केंद्र बने हैं जहां निधि संग्रह होना है, उन केंद्रों की जानकारी भी रखी जा सकेगी। साथ ही टोलियों में बंटे स्वयंसेवकों के नाम आदि भी इसमें होंगे।
यह अभियान 45 दिन तक चलने वाला है और इसमें देश के राष्ट्रपति को लेकर आम मजदूर तक से भी उनकी श्रद्धा अनुसार दान राशि ली जाएगी। इस अभियान का शुभारंभ मकर संक्रांति के शुभ दिन के साथ हुआ है और इसका समापन रैदास जयंती के दिन पर होगा। कोशिश की जाएगी कि हर राम भक्त से मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा किया जा सके।