आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने रविवार को कहा देश के लोग चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने तो सरकार को उनकी इच्छा पूरी करनी चाहिए।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए रविशंकर ने कहा कि यह संत नहीं है जो विवादित स्थल पर मंदिर देखना चाहते है बल्कि देश के लोग अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना चाहिए कि लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए राम जन्माभूमि पर मंदिर का निर्माण किया जाए ।
उन्होंने कहा कि तीनो पार्टियों को इस पर चर्चा करनी चाहिए और इस मुद्दे के लिए उचित और सुखद समाधान निकालना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप दूसरा विकल्प होना चाहिए। देश के कानून द्वारा हस्तक्षेप आखिरी उपाय होना चाहिए।
एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में श्री श्री ने कहा था कि अगर बाबरी मस्जिद- राम मंदिर का समाधान जल्दी नहीं निकला तो भारत, सीरिया की तरह हो जाएगा। उनके इस बयान पर विवाद उठने के बाद उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर किसी एक के पक्ष में अत है तो उनका मतलब रक्तपात की तरफ नहीं था।
श्री श्री दिल्ली में संतो के एक कार्यक्रम धर्मादेश में बोल रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद सभी धर्म गुरुओं ने एक स्वर में अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार से क़ानून बनाने की मांग की। इस धर्मादेश में संतो ने 2019 में फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमन्त्री बनाने का संकल्प भी लिया।
सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि की सुनवाई जनवरी 2019 तक टलने के बाद सरकार पर साधु संतो और अपनी पार्टी के भीतर से भी मंदिर निर्माण के लिए क़ानून बनाने का दवाब बढ़ रहा है।