आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अयोध्या मसले पर दोनों पक्षों के बीच सहमती का बीज बोने का कार्य शुरू कर दिया है। इसके तहत शुक्रवार को बेंगलुरु में श्री श्री ने अयोध्या के मसले को लेकर हिन्दू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों से मुकालात की।
इसके पिछले महीने श्री श्री ने सिया नेताओ से बात की थी। लेकिन कल हुए बैठक में अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि हिन्दू महासभा और सुन्नी वक्फ बोर्ड से श्री श्री की क्या बात हुई है। इसके अलावा रविशंकर ने कश्मीर में शांति और अमन को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ़ लिविंग ने कश्मीर में शांति और अमन के लिए एक छोटा कदम उठाया है। उन्होंने कश्मीरी हुर्रियत से जल्द ही बात होने का भी जिक्र किया। श्री श्री शहीदों के परिवार वालो और हथियार डाल कर सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले पूर्व आतंकियों को साथ लाने वाले आयोजित कार्यक्रम पैगाम ए मोहब्बत में मीडिया से बात कर रहे थे।
पैगाम-ए-मोहब्बत कार्यक्रम में इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर इन चीफ अरुण पुरी भी शामिल हुए और कश्मीर में हो रहे हिंसा को ख़त्म करने का मूलमन्त्र बताया। उन्होंने कहा कि जो पैसा कश्मीर में खर्च हो रहा है उससे आज कश्मीर को स्विट्जरलैंड होना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पूरी ने कश्मीर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कश्मीर की जो वर्तमान दशा है वह केवल राजनीती कारणों से है अगर कश्मीर में राजनीती की दशा बदल जाये तो वहां भी सम्पन्नता दिखने लगेगी। इसलिए कश्मीर में राजनीती को दूर रखे और मानवता को पास लाये।
कश्मीर में पनपे अविश्वास के खाइओ को भरने के लिए और कश्मीर वासियों से मेल मिलाप बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम में मारे गए आतंकवादियों के परिजनों, शहीद हुए सैनिको के परिवार वालो और बेकसूर स्थानीय लोगो को खास तौर पर शामिल किया गया था।
बेंगलुरु में आयोजित इस कार्यक्रम का मूल्य उदेश्य समाज में हो रहे हिंसा और भ्रस्टचार को छोड़ आपसी मेल मिलाप बढ़ावा देना था।