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    बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा है कि अगर भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश आलती है तो जेडीयू उसका समर्थन नहीं करेगी। जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी आरसीपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी मंदिर पर किसी भी तरह के क़ानून या बिल का समर्थन नहीं करेगी।

    जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा राम मंदिर का मुद्दा उठाये बिना भी चुनाव जीत सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि 2014 के मुकाबले भाजपा की लोकप्रियता में गिरावट आई है।

    जेडीयू के बयान पर प्रातक्रिया देते हुए बिहार भाजपा इकाई ने कहा कि अयोध्या में मंदिर जल्द ही बनेगा और ये भाजपा के घोषणापत्र का अहम् हिस्सा है।

    जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी आरसीपी सिंह ने कहा “अगर भाजपा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बिल लाती है तो हमारी पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी। हम पहले से ही साम्प्रादायिक सद्भाव के पक्षधर हैं।” ये पहली बार है कि जेडीयू की तरफ से राम मंदिर मुद्दे पर कोई सार्जनिक बयान आया है।

    पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राम मंदिर से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा “भाजपा 2019 का लोकसभा चुनाव बिना राम मंदिर का मुद्दा उठाये भी जीत सकती है। उसने ऐसा 2014 में भी किया है। ये सच है कि 2014 के मुकाबले भाजपा की स्थिति थोड़ी कमजोर हुई है लेकिन ये अब भी 2004 और 2009 लोकसाह चुनाव के मुकाबले मजबूत स्थिति में है।”

    5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम पर उन्होंने कहा “इसमें भाजपा के लिए खतरे की कोई बात नहीं है। वो 15 सालों से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शासन में थी।”

    जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा “बिहार में एनडीए का मुख्य एजेंडा विकास है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सेक्युलरिज्म के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।

    ये पूछे जाने पर कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू, भाजपा पर और आक्रामक होगी तो नीरज कुमार ने कहा कि “हर चुनाव में विजेता और हारने वालों के लिए एक सन्देश छुपा होता है। बिहार में हमारा सारा ध्यान शांति और सद्भाव के साथ विकास पर है।”

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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