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    काशी में साधू संतों की बैठक में पहुंचे राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर के निर्माण के बारे में कुछ  विशेष बातें कहींं। चंपत राय ने कहा कि वाराणसी बहुत बड़ा धर्म केंद्र है, इसीलिये वो वहां बात करने पहुंचे हैं। चंपत राय ने मंदिर के निर्माण के बारे में बताया कि मंदिर की नींव की मजबूती और उसकी आयु के लिए बहुत से वैज्ञानिक, प्रोफेसर व इंजीनियर कार्यरत हैं। मंदिर के निर्माण को मौसम व प्राकृतिक आपदाओं से बचाने की दिशा में काम किया जायेगा।

    चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण में लगने वाला धन रामभक्तों द्वारा दिये गये दान से ही होगा। हमें इसके लिये चंदे की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि राम मंदिर का अनुमानित खर्चा 1100 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व विश्व हिंदू परिषद् आदि जैसे समूह मंदिर के लिये निधि संग्रह कार्यक्रम चलाने वाले हैं। ये कार्यक्रम मकर संक्रांति से शुरू होकर रविदास जयन्ती तक चलेगा। दान देने वालों को पक्की रसीद भी दी जायेगी। इस तरह से मंदिर निर्माण में दान की आढ़ में घोटाले नहीं हो पायेंगे।

    चंपत राय ने कहा कि जिस समाज ने इस मंदिर के लिये संघर्ष किया उसी को मंदिर निर्माण में योगदान देना चाहिए। लोग अपनी बचत के पैसे से मंदिर को दान दे सकते हैं। किसी भारी भरकम राशि की मांग ट्रस्ट या संघ ने नहीं की है। लोग चाहें तो दस रुपये से लेकर अपनी श्रद्धा अनुसार जितना चाहें दान दे सकते हैं। मंदिर के निर्माण के लिये अब तक 70-80 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। मंदिर निर्माण में वास्तुकला व नक्काशी का भरपूर प्रयोग होगा वहीं मंदिर की मजबूती व आयु बढ़ाने के सारे प्रयास किये जायेंगे। मंदिर निर्माण पूरी तरह से ऐतिहासिक होने वाला है।

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