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    रामानुजन संख्या की खोज की घटना (hardy ramanujan number)

    गॉडफ्रे हार्डी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के मशहूर प्रोफेसर थे। एक दिन वह एक दोस्त, भारतीय युवा गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन से मिलने गए थे, जो कि बीमार थे एवं उस समय हॉस्पिटल में थे। दोनों पुरुष गणितज्ञ थे और संख्या के बारे में सोचना पसंद करते थे।

    जब रामानुजन ने सुना कि हार्डी एक टैक्सी में आए थे तो उन्होंने उनसे पूछा कि टैक्सी की संख्या क्या है। हार्डी ने कहा कि इनकी टैक्सी का नंबर 1729 था जोकि सिर्फ एक उबाऊ संख्या है। रामानुजन ने जवाब दिया कि 1729 एक उबाऊ संख्या नहीं थी बल्कि यह एक बहुत ही दिलचस्प संख्या है। उन्होंने बताया कि यह सबसे छोटी संख्या थी जिसे दो घनों के योग द्वारा दो भिन्न तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है। 

    गणितज्ञों के बीच यह कहानी बहुत प्रसिद्ध है। 1729 को कभी-कभी “हार्डी-रामानुजन संख्या” भी कहा जाता है।

    रामानुजन संख्या में क्या है ख़ास ?

    रामानुजन संख्या 1729 को इसकी एक विशेषता ख़ास बनाती है। इसकी विशेषता है की यह वह सबसे छोटी संख्या है जिसे किन्हीं दो संख्याओं के घनों को जोड़ने तो तरह से पेश किया जा सकता है। इसका मतलब यह संख्या दो अलग अलग संख्याओं के युगल के घन के बराबर हैं।

    आइये हम जानते हैं की वे कौन कौन से संख्या के युगल जिनके घन का योग 1729 बराबर होगा।

    1729 = 13 + 123 = 93 + 103

    तो जैसा की आप देख सकते हैं 1, 12 एवं 9, 10 संख्याओं के दो युगल हैं जिनके दोनों संख्याओं के घन का योग 1729 के बराबर है। 1729 वह सबसे छोटी संख्या है जिसको दो संख्याओं के घन के योग के रूप में दर्शाया जा सकता है।

    श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय (hardy ramanujan story)

    निवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को भारत के दक्षिणी भूभाग में स्थित कोयंबटूर के ईरोड, मद्रास (अभी का तमिलनाडु) नाम के गांव में हुआ था। वह पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। उनके पिता श्रीनिवास अय्यंगर जिले की ही एक साडी की दुकान में क्लर्क थे। उनकी माता, कोमल तम्मल एक गृहिणी थी और साथ ही स्थानिक मंदिर की गायिका थी। वह अपने परीवार के साथ कुम्भकोणम गाव में सारंगपाणी स्ट्रीट के पास अपने पुराने घर में रहते थे।

    श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर एक महान गणितज्ञ थे। उन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है। उन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी उन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिये। उन्होंने गणित के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रयोग किये थे जो आज भी उपयोग किये जाते है। उनके प्रयोगों को उस समय जल्द ही भारतीय गणितज्ञो ने मान्यता दे दी थी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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