Mon. Dec 23rd, 2024
    arun jaitley

    बुधवार को संसद में राफेल मुद्दे पर जोरदार बहस देखने को मिली। जहाँ एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने संसद से अनुपस्थित प्रधानमंत्री मोदी पर ‘अपने कमरे में छुप जाने’ और ‘हिम्मत की कमी’ का आरोप लगाया वहीँ सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोर्चा सँभालते हुए तथ्यों को सामने रखते हुए राहुल गाँधी पर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया।

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी सदन में राफेल डील से सम्बंधित एक ऑडियो टेप ले कर आये और पूर्व रक्षा मंत्री तथा गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर परिक्कर पर उनके बेडरूम में राफेल की फ़ाइल होने के आरोप लगाये। राहुल ने सदन में वो ऑडियो टेप चलाने के लिए जेब से अपना मोबाइल निकाला लेकिओं जब अरुण जेटली और लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने ने टेप की प्रमाणिकता सिद्ध करने का सवाल उठाया तो राहुल गाँधी ने मोबाइल अपनी जेब में रख लिया।

    राहुल गाँधी सदन में अनिल अम्बानी का नाम ले रहे थे तो लोकसभा स्पीकर ने उनसे आनिल का नाम नहीं उनकी कम्पनी का नाम लेने को कहा तो राहुल गाँधी ने अनिल अम्बानी को ‘ए ए’ कह कर संबोधित करना शुरू कर दिया।

    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाबी हमले में बोफोर्स से लेकर नेशनल हेराल्ड और अगस्ता तक पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि ‘बोफोर्स में क्या हुआ सब को मालूम है। उन्होंने राहुल गाँधी से सवाल किया कि क्या राहुल क्वात्रोची की गोद में खेले हैं? राहुल के ‘ए ए’ के जवाब में अरुण जेटली ने क्वात्रोची के लिए ‘क्यू’ का प्रयोग किया।

    जेटली लगातार कांग्रेस पर बोफोर्स, नेशनल हेराल्ड और अगस्ता को ले कर हमले करते रहे। जेटली के हमले से तिलमिलाए कांग्रेसी सांसद सदन में कागज़ के हवाई जहाज बना कर उड़ाने लगे जिसपर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई।

    सुमित्रा महाजन ने कहा ‘ये क्या कर रहे हो आप? स्कूल ने नहीं किया? बच्चे हो आप? ये डिस्कशन आपने माँगा था और आपको सुनना पड़ेगा।”

    कागज़ के हवाई जहाज उड़ाने वाले कांग्रेसी सांसदों ने कहा ‘हम राफेल पर चर्चा कर रहे थे और वो (जेटली) बोफोर्स और अगस्ता के लोकर इल्जाम लगा रहे थे, इसलिए हमने हवाई जहाज उड़ाया।”

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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