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    रमन सिंह

    पिछले 15 साल से छत्तीसगढ़ की सत्ता पर विराजमान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के चुनाव परिणाम का अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर थोड़ा प्रभाव तो पड़ेगा लेकिन इन चुनाव परिणामों का केंद्र की मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड नहीं बनाया जाना चाहिए।

    रमन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आगामी विधानसभा चुनावों में किसानो को कृषि ऋण छूट के वादे को भी खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां किसानों को पहले से ही शून्य-ब्याज दर ऋण दिया जा रहा है।

    1980 के दशक में राजनीति में उतरने से पहले एक आयुर्वेदिक चिकित्सक 66 वर्षीय भाजपा के इस अनुभवी नेता ने एक इंटरव्यू में कहा कि राज्य में उनकी सरकार के काम के आधार पर समर्थक की लहर है। कृषि क्षेत्र और सामाजिक वितरण प्रणाली के क्षेत्र में उन्होंने जो काम किये हैं उसी की बदौलत वो पिछले 15 साल से जनता के दिल पर राज कर रहे हैं।

    सिंह के दावे के उलट विपक्षी नेता राज्य में सत्ता विरोधी लहर की बातें कर रहे हैं। रमन सिंह लगाकर तीन बार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं।

    कई राजनीतिक पंडितों ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल कहा है। 2019 में प्रधानमंत्री मोदी दूसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में उतरेंगे। उससे पहले 5 राज्यों के चुनाव में मोदी लहर की परीक्षा होगी।

    5 में से 3 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला होने की वजह से ये चुनाव काफी रोचक हो गए हैं।

    इन सभी राज्यों में से छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराये जाएंगे। पहले चरण में 12 नवम्बर को 18 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनंदगांव भी शामिल है। कांग्रेस ने रमन सिंह के सामने पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की भतीजी करूणा शुक्ला को मैदान में उतारा है। राज्य की शेष 72 सीटों पर दुसरे चरण में 20 नवम्बर को वोटिंग होगी।

    छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें है। 90 सीटों पर चुनाव में राज्य के 1.85 करोड़ मतदाता अगली सरकार का चुनाव करेंगे। चुनाव परिणाम की घोषणा 11 दिसंबर को की जायेगी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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