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    भारतीय राजनीति इस वक़्त रियायतों के दौर से गुजर रहा है। या यूँ कहें कि 2019 के चुनावी दौर में पार्टियाँ रियायतों का इनर्जी ड्रिंक बाँट रही है मतदाताओं को।

    मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी कसानो का ऋण माफ़ कर दिया है। इन तीन राज्यों में कांग्रेस ने किसानों का ऋण माफ़ करने का वादा किया था और अब सत्ता में आने के बाद उसने ऋण माफ़ कर वादा निभाया।

    कांग्रेस के ऋण माफ़ी नामक हथियार  बाकी राज्यों की सरकारों को अपना किला बचाने के लिए एक आशा की किरण के रूप में दिखी। भाजपा की असं सरकार ने किसानों का 25 फीसदी ऋण माफ़ करने की घोषणा की तो गुजरात सरकार ने  ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 6 लाख परिवारों का बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा कर दी।

    राजस्थान 

    राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 लाख रुपये तक के किसानों के ऋण माफ़ करने की घोषणा की। इससे राज्य के खजाने पर 18000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।

    कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर किसानों का ऋण माफ़ करने का वादा किया था।

    छत्तीसगढ़ 

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को शपथ ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद 16.65 लाख किसानों का 6,100 करोड़ का ऋण माफ़ करने की घोषणा की। लेकिन शर्त ये थी कि अगर किसानो ने ये ऋण छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक से 30 नवम्बर 2018 तक लिया हो। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,500 रुपये प्रति क्विंटल करने की भी घोषणा की।

    मध्य प्रदेश  

    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शपथ ग्रहण के 6 घंटों के भीतर ही किसानों का 2 लाख रुपये तक का लोन माफ़ करने की घोषणा कर दी। शर्त ये थी कि 31 मार्च 2018 तक सीओ-ऑपरेटिव बैंक या राष्ट्रीय बैंको से जो ऋण लिया गया है वही माफ़ होगा।

    असम 

    मंगलवार को असम सरकार ने भी किसानों का 600 करोड़ रुपये का ऋण माफ़ करने की घोषणा की। सरकार ने प्रवक्ता ने कहा कि इससे राज्य के 8 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा।

    शर्त ये है कि सरकार ऋण का 25 फीसदी Mआफ करेगी यानी अधिकतम 25,000 रुपये। ऋण किसान क्रेडिट कार्ड, या फिर सरकारी बैंको से लिया गया हो। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए लोन पर 10,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जायेगी।

    इसके अलावा असम सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष से जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण देगी। इसके अलावा सरकार ने राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को 20,000 रुपये से 21,000 रुपये तक पेंशन देगी।

    गुजरात 

    भाजपा शासित गुजरात की रुपानी सरकार ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 6 लाख लोगों को के 625 करोड़ रुपये के बकाया बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा की।

    ये भी पढ़ें: गुजरात सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के 6 लाख लोगों के बिजली बिल किये माफ़

    इस स्कीम के तहत बकाया के कारण जिनका बिजली कनेक्शन कट चूका है वो मात्र 500 रुपये दे कर कनेक्शन वापस पा सकते हैं। उन्हें बकाया बिल और जुर्माने की राशि देने की आवश्यकता नहीं होगी। ये स्कीम फ़रवरी 2019 तक मान्य है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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