आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सीट को लेकर घमासान मचा हुआ है। राज्यसभा में तीन सीटें खाली होनी है और वह तीनो सीटें ‘आप’ के खाते में है। लेकिन पार्टी में सीट को लेकर काफी गहमा गहमी है। पार्टी यह तय नहीं कर पा रही है किसे चयनित करे और किसे नहीं। पार्टी इसके पहले बाहरी तथ्यों पर विचार कर रही थी, ‘आप’ की तरफ से बीजेपी के यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी राज्यसभा सदस्य के लिए चयनित थे। लेकिन उन्होंने आम आदमी पार्टी के पक्ष से राज्यसभा जाने से इन्कार कर दिया।
वही आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सीट के लिए डॉ कुमार विश्वास के समर्थको ने गुरूवार को जमकर हंगामा किया। कुमार के समर्थको ने ‘आप’ मुख्यालय के बाहर अपना डेरा जमा दिया और नारे बाजी करने लगे। कुमार के पक्षधरों का कहना था कि उन्हें राज्यसभा जाने दिया जाये। आप नेतृत्व से नाराज चल रहे समर्थकों ने दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक धरना दिया। उन्होंने धरना तब खत्म किया जब विश्वास ने ट्वीट किया कि वह अपने नाम पर किसी हंगामे को पसंद नहीं करते। विश्वास ने ट्वीट किया, कृपया 26 नवंबर की मेरी अपील का ध्यान रखें, देश पहले, पार्टी बाद में और व्यक्ति सबसे अंत में। स्वराज के लिए लड़ें। बुनियादी चीजों, पारदर्शिता की तरफ लौटें। लेकिन मेरे नाम पर मैं किसी हंगामे को पसंद नहीं करूंगा। अभिमन्यु मरकर भी वीरगति को प्राप्त होता है।
आम आदमी पार्टी में राज्यसभा जाने की होड़
राज्यसभा चुनाव की पिछले शुक्रवार को तारीख तय होने के बाद आम आदमी पार्टी में हलचल शुरू हो गई है। वही पार्टी के नेता राज्यसभा जाने के लिए अपने अपने दावपेंच आजमा रहे है। लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। आप’ के राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) ही राज्यसभा के प्रत्याशियों का नाम तय करेगी। पीएसी की बैठक अगले सप्ताह हो सकती है। आम आदमी पार्टी राज्य सभा के तीन सीटों पर एक पर महिला को बैठाना चाहती है। पार्टी की तरफ से बाहरी लोगो को राज्यसभा भेजने का मामला ठंडा पड़ गया है।
आप की पहले की योजना
आम आदमी पार्टी के तरफ से पहले यह योजना बनाई गई थी कि अगर रघुराम राजन मान जाते तो आम आदमी पार्टी राज्यसभा की बाकी दोनों सीटों के लिए भी इसी तरह के लोगों की तलाश करती। राज्यसभा सदस्य बनने के लिए मची कलह को ख़त्म करने के लिए पार्टी नें यह कदम उठाया था। ‘आप’ नेतृत्व ने राजनीति में सक्रिय लोगों को राज्यसभा की दौड़ से बाहर रखने के लिए गुपचुप तैयारी की थी। बाद में जब राजन ने मना कर दिया तो पार्टी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
आप के पीएसी में शामिल नाम
फिलहाल ‘आप’ की पीएसी में मुख्यमंत्री एवं पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास, संजय सिंह, आशुतोष, अतिशी मार्लेना, साधु सिंह, गोपाल राय और दुर्गेश पाठक हैं। पंकज गुप्ता और दीपक वाजपेयी भी पीएसी के पदेन सदस्य हैं। लेकिन पार्टी अरविन्द केजरीवाल के साथ साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को इस लाइन में खड़ी करना चाहती है। वहीं पार्टी के सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा के दावेदारी के लिए संजय सिंह, आशुतोष, दिलीप पांडे और दुर्गेश पाठक शामिल है। वही पार्टी ने कुमार विश्वास के नाम पर मौन धारण कर बैठी है। पार्टी कुमार को इससे दूर रखना चाहती है।
जब तक यह मसला हल नहीं हो जाता, पार्टी में हलचल बनी रहेगी। वही पार्टी का कहना है कि अगर अरविन्द केजरीवाल राज्यसभा जाते है तो पार्टी का नेतृत्व करने वाला नहीं मिलेगा। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को राज्यसभा की रेस में शामिल करना चाहते है।