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    राज्यसभा, आम आदमी पार्टी

    दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि राज्यसभा में तीन लोगो को दिल्ली से सदस्य बनाकर भेजना है। लेकिन अभी तक आम आदमी पार्टी ने यह निर्णय नहीं किया है कि किन तीन लोगो को राज्यसभा भेजा जाए? पार्टी इस मामले पर अभी खुल कर सामने नहीं आ रही है। हालाँकि आम आदमी पार्टी को राज्यसभा में तीन सीटें 2018 में मिलेंगी और बात करीब तीन साल से तय है। यानी फरवरी 2015 में दिल्ली में आम आदमी की सरकार बनी थी। उसी समय ऊपरी सदन यानी राज्य सभा द्वारा उसे राज्य सभा में तीन सीटें मिलना निश्चित हो गया था, क्योंकि दिल्ली में जिस पार्टी की सरकार होती है उसे ही राज्यसभा के तीनो सीट मिलते है।

    लेकिन पार्टी में एक तरफ ‘आप’ नेता संजय सिंह और आशुतोष इसके लिए लामबंदी कर रहे है। वही दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के चर्चित नेता कुमार विश्वास के समर्थक भी उन्हें राज्यसभा भेजने के लिए जोर का नारा लगा रहे है। ‘आप’ लीडर डॉ कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने की मांग को लेकर उनके समर्थक आम आदमी पार्टी के कार्यालय में घुसकर हंगामा कर रहे हैं। वहीं उन्हें खदेड़ने के लिए पार्टी नेताओं ने पुलिस बुला ली है। कुमार के समर्थक देश के हर कोने से आए है। वे लोग अपने साथ कम्बल रजाई लेकर आए है ताकि आम आदमी पार्टी के कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शित कर सके।

    आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सीटों को लेकर कलह जारी है। कुमार विश्वास राज्यसभा के दौड़ में अपने आप को सबसे आगे मान रहे थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने उन्हें किसी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया है। जिसके कारण वह बेहद चिंतित है। आपको बता दे कि कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री में कुछ दिनों से काफी मनमुटाव चल रहा है। जिसके कारण कुमार को यह डर सताने लगा है कि कही यह मौका मेरे हाथ से ना निकल जाए।

    आपको बता दे कि ”आप” नेता कुमार विश्वास की बहुत दिन से इच्छा थी कि राज्यसभा सदस्य बनु। अब मौका आने पर वह यह नहीं खोना चाहते है। लेकिन पार्टी में इससे पहले बाहरी सदस्यों को राज्यसभा भेजने की बात की जा रही थी। इन नामो में भाजपा के यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की चर्चा हो रही है, लेकिन माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा जाने को ये लोग सहमत नहीं है।

    इस मामले में आम आदमी पार्टी 2 जनवरी को बैठक करेगी और राज्यसभा में जाने वाले लोगो के नाम पर चर्चा करेगी। इस सन्दर्भ में पार्टी का यह अंतिम फैसला रहेगा। लेकिन पार्टी की ओर से अभी जिन तीन लोगो के नाम पर चर्चा है उनमे पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह, आशुतोष, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल या उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल शामिल है। वहीं पार्टी के कुछ सदस्यों का कहना है कि अगर अरविन्द केजरीवाल राज्यसभा चले जायेंगे तो पार्टी एक सूझबूझ का नेता गँवा देगी।

    अब देखना है कि कुमार विश्वास के समर्थक कहाँ तक उनका साथ देते है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी 2 जनवरी को होने वाली बैठक में किस-किस का नाम सम्बोधित करती है?