उत्तराखंड सरकार ने राजाजी टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों में पारिस्थितिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को गति देने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व संरक्षण फाउंडेशन की स्थापना का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
फाउंडेशन के मुख्य उद्देश्यों में राजाजी टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा करना, जैव विविधता को संरक्षित करना और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना शामिल है। यह स्थानीय समुदायों को जंगलों पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करना, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना और मानव-वन्यजीव संघर्ष और उससे संबंधित अपराधों से निपटने में भी मदद करेगा।
राजाजी टाइगर रिजर्व हिमालय के शिवालिक रेंज में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 820 वर्ग किलोमीटर है। यह तीन जिलों, हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल के कुछ हिस्सों को कवर करता है। रिजर्व बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है और यहां लगभग 600 बाघ पाए जाते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व संरक्षण फाउंडेशन की स्थापना रिजर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन स्थानीय समुदायों को भी लाभान्वित करेगा और उन्हें रिजर्व के संरक्षण में भागीदार बनाएगा।
फाउंडेशन की स्थापना के फैसले का स्वागत करते हुए, वन्यजीव संरक्षणविदों ने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है और रिजर्व के संरक्षण में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन को निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों से समर्थन जुटाना चाहिए ताकि वह प्रभावी ढंग से काम कर सके।
राजाजी टाइगर रिजर्व संरक्षण फाउंडेशन की स्थापना उत्तराखंड सरकार द्वारा वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय समुदायों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है। यह उम्मीद की जाती है कि फाउंडेशन रिजर्व और उसके आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।