राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को महाराष्ट्र में रातोंरात राष्ट्रपति शासन हटाने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इस पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में देवेंद्र फडणवीस एक सफल मुख्यमंत्री होंगे या नहीं। गहलोत ने ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र में रातोंरात हुए नाटकीय घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
गहलोत ने अपने पहले ट्वीट में कहा, “महाराष्ट्र में छिपाकर ऐसा काम करने की क्या आवश्यकता थी? राष्ट्रपति शासन को रातोंरात हटाना और गोपनीयता की शपथ लेना किस तरह की नैतिकता है?”
उन्होंने कहा, “वे लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं? देशवासी इस बात का जवाब देंगे और भाजपा को सबक सिखाएंगे।”
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, “यह संदेहपूर्ण है कि फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में सफल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने अपराधबोध के साथ गोपनीयता की शपथ ली है और इसलिए इसमें संदेह है कि वे सुशासन दे पाएंगे, जो महाराष्ट्र की जनता के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।”
दरअसल, गहलोत ने महाराष्ट्र के 44 कांग्रेसी विधायकों को पांच दिनों के लिए राजस्थान में एक आलीशान रिसॉर्ट में ठहराया था, जहां उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी। इस दौरान, इन विधायकों को हर सुख-सुविधा प्रदान की गई और उन्हें राज्य के विभिन्न स्थानों के दौरे पर ले जाया गया।