चुनाव पूर्व के अपने वादे को पूरा करते हुए राजस्थान सरकार ने शनिवार को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पेश स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त को समाप्त कर दिया।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, “कैबिनेट ने नागरिक चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को समाप्त कर दिया और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए हर व्यक्ति के संवैधानिक अधिकार पर विचार किया गया।” उन्होंने कहा कि पिछले ६ महीनों में लिए गए भाजपा सरकार के फैसलों पर पुनर्विचार किया जाएगा।
2015 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गए आदेश में नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए दसवीं कक्षा पास करना जरूरी था।
पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को सरपंच पद के लिए आदिवासी आरक्षित क्षेत्रों में आठवीं और दसवीं कक्षा करने की आवश्यकता थी, जबकि जिला परिषद या पंचायत समिति चुनाव लड़ने के लिए, उम्मीदवार को दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक था।
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जिनके पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की भी जिम्मेदारी है, ने उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के विचार का समर्थन किया, लेकिन कहा कि यह लोकसभा और विधानसभा चुनावों से शुरू होना चाहिए।
आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।