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    हनुमान-बेनीवाल

    ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बागी नेता हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में सत्ता के गलियारों को हिलाकर रख दिया है जब उन्होंने 29 अक्टूबर को राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी (आरएलपी) का गठन किया था।

    यदि बेनिवाल की माने तो उनका नया संगठन राज्य में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भ्रष्ट बीजेपी और कांग्रेस दोनों का एक विकल्प है। उन्हें राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से 130 में आरएलपी की जीत पर भरोसा है।

    राजनीतिक पंडितों के अनुसार वह निश्चित रूप से राज्य में राजनितिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। राज्य के खिनवासर निर्वाचन क्षेत्र के जाट नेता और स्वतंत्र विधायक बेनिवाल चर्चा का विषय बन गए हैं।

    बेनीवाल सोमवार की रैली में एक बड़ी भीड़ खींचने में कामयाब रहे और पहले भी पांच किसान हुंकार महारैलियों का आयोजन किया है। जब बेनविल ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे तब बीजेपी ने 2013 के चुनावों से पहले बेनीवाल को निलंबित कर दिया था। उसके बाद विधानसभा चुनावों में उन्होंने खिनवासर निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार को 23,020 मतों से पराजित करके अपना दमखम दिखाया था।

    पहले से ही भाजपा के हाथों से बाहर निकल रहे राजस्थान में आरएलपी और विद्रोही बीजेपी विधायक घनश्याम तिवारी की भारत वाहिनी पार्टी (बीवीपी) से राजस्थान में एक मजबूत तीसरा मोर्चा बनने की उम्मीद है।

    राजस्थान में अपनी संभावनाओं पर बात करते हुए बेनीवाल कहते हैं ‘राजस्थान के लगभग 130 सीटों में मेरे समर्थकों और मैंने जमीन पर काम किया है। (आदिवासी नेता) किरोदी लाल मीना ने हमें (बीजेपी में शामिल होने के लिए) छोड़ दिया इसलिए हम निर्धारित जनजातियों के अधीन 70 शेष सीटों पर कोई दावा नहीं कर रहे हैं। लेकिन, अगर हम बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ समझौता करने में सक्षम होते हैं तो राज्य के सभी 200 निर्वाचन क्षेत्रों में एक कठिन लड़ाई होगी।

    बेनीवाल का कहना है कि ‘मुख्य रूप से, जाट, मेघवाल, मुस्लिम, यादव और कुमावत हमारे साथ हैं। हमारे सहयोगी, बीवीपी और इसके संस्थापक ने ऊपरी जातियों, विशेष रूप से ब्राह्मणों एक बड़ी अपील की है तो हम उनसे भी समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।’

    ओपिनियन पोल में दावे किये जा रहे हैं कि राजस्थान भाजपा के हाथ से निकल रहा है ऐसे में बेनीवाल ने वसुंधरा को सत्ता से बेदखल करने में कोई कसार नहीं छोड़ी है। राजस्थान में मतों की गिनती 11 दिसंबर को होगी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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