राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से भाजपा को सत्ता से बेदखल करते हुए शानदार वापसी की है। अभी तक मिल रहे सुझानों के अनुसार कांग्रेस ने बहुमत हासिल कर लिया है।
जैसा कि चुनाव बाद हुए तमाम एग्जिट पोल इस बात का अनुमान पहले से ही लगा रहे थे कि इस बार राज्य में कांग्रेस वापसी करेगी और ऐसा ही हुआ।
राज्य के वीआईपी सीटों की बात करें तो झालरापाटन से वसुंधरा राजे सिंधिया, टोंक से सचिन पायलट और सरदारपुरा से अशोक गहलोत अपनी सीट जीतने में कामयाब रहे हैं।
झालरापाटन
इन तीनो वीआइपी सीटों में से सबसे अधिक चर्चित सीट रही झालरापाटन की जहाँ वसुंधरा राजे के सामने कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के बेटे और भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह को उतारा था।
पार्टी भले ही सत्ता से बाहर हो गई लेकिन वसुंधरा राजे अपनी सीट बचाने में कामयाब रही। वसुंधरा ने मानवेन्द्र सिंह को करीब 29,000 वोटों से हरा दिया। मानवेन्द्र के मैदान में उतरने के बाद पिछले तीन बार से इस सीट से चुनी जाने वाली वसुंधरा के लिए इस बार इस सीट को जीतना मुश्किल माना जा रहा था और कांग्रेस ने भी इस सीट पर वसुंधरा को हारने के लिए सारी ताकत झोंक रखी थी।
चुनाव आयोग की वेबसाईट के मुताबिक़ वसुंधरा को करीब 1,12,391 वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मानवेन्द्र सिंह ने 77,974 वोट हासिल किये।
टोंक
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य के संभावित भावी मुख्यमंत्री सचिन पायलट के इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद ये सीट अच्च्नक से सुर्ख़ियों में आ गई। कांग्रेस की तरफ से पायलट की उम्मीदवारी की घोषणा होते ही भाजपा ने पहले से घोषित उम्मीदवार अजीत मेहता को बदल कर अल्पसंख्यक उम्मीदवार और वसुंधरा सरकार में मंत्री युनुस खान को टिकट दे दिया।
टोंक में मुझे ऐतिहासिक बहुमत से जिताने के लिए जनता का तहेदिल से शुक्रिया। हम सब मिलकर टोंक और राजस्थान का कायाकल्प कर एक विकसित प्रदेश की नींव रखेंगे जिसमें समाज के हर वर्ग की उन्नति होगी। @INCIndia
— Sachin Pilot (@SachinPilot) December 11, 2018
युनुस खान इस बार भाजपा के इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार थे। दरअसल मुस्लिम बहुल सीट होने के कारण भाजपा ने पहली बार टोंक से किसी मुस्लिम को टिकट दिया।
मुस्लिम को टिकट देना भाजपा को कोई फायदा नहीं पहुंचा पाया और सचिन पायलट ने युनुस खान को करीब 54,000 वोटों से हरा दिया।
चुनाव आयोग की वेबसाईट के अनुसार सचिन पायलट को 10,77,53 वोट मिले जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के युनुस खान को 54,183 वोट मिले।
सरदारपुरा
राज्य के एक और वीआईपी सीट सरदारपुरा से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के उम्मीदवार शम्भू सिंह को करीब 44,000 वोटों से शिकस्त दी। चुनाव आयोग की वेबसाईट के अनुसार अशोक गहलोत ने 92,934 वोट हासिल किये जबकि शम्भू सिंह 48,880 वोट पाकर दुसरे स्थान पर रहे। नोटा को 706 वोट मिले।