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    देशभर के बहुत से राज्यों में सियासी उठापटक चल रही है। इसी बीच राजस्थान से भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राजस्थान बीजेपी में फूट पड़ चुकी है। वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थकों ने एक नया दल बना लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजनीति से दरकिनार किए जाने से उनके समर्थक नाराज़ थे। जिसके बाद उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया।

    उन्होंने अपना एक नया राजनीतिक मंच बनाया है। इस मंच का नाम वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच रखा गया है। साथ ही बहुत से छोटे-छोटे गुटों में भी यह संघ काम कर रहा है। राजस्थान बीजेपी की माने तो उनको इस फूट का पहले से ही सब पता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बयान दिया है कि वसुंधरा ने कई जिलों में अपनी छोटी-छोटी टीमों का गठन कर लिया है और शीर्ष नेतृत्व को इसके बारे में सब पता है। राजस्थान बीजेपी का यह आंतरिक कलह खुलकर सामने आ चुका है।

    खबर है कि वसुंधरा राजे के समर्थकों में बहुत से जिलों में अपने नए दल के जिलाध्यक्ष बनाने भी शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा और भी छोटे-छोटे संगठन तैयार हो रहे हैं। यह घटना कोई आम घटना नहीं लग रही है। इसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में बीजेपी कई मुश्किलों का सामना कर सकती है। वसुंधरा राजे की राजस्थान में अपनी लोकप्रियता है और साथ ही एक अलग दबदबा भी है।

    वसुंधरा राजे राजस्थान बीजेपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लेकिन उनका अलग दल बनाना बीजेपी के लिए एक अच्छा संकेत नहीं लग रहा है। हाल ही में वसुंधरा राजे के विरोधी घनश्याम तिवारी भी राजस्थान बीजेपी में शामिल हो गए थे जिसके बाद से ही वसुंधरा नाराज चल रही हैं। इसके अलावा और भी कई कारण है जिनसे वसुंधरा राजे की बीजेपी के प्रति नाराजगी देखी जा सकती है। राजस्थान में इस सियासी करवट के मायने बीजेपी के लिए बहुत खास हो सकते हैं।

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