राजस्थान में सोमवार को मंत्रिमंडल का गठन हो गया। राज्यपाल कल्याण सिंह ने 23 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में कुल 23 मंत्री शामिल है। इनमे से 22 मंत्री कांग्रेस के और एक मंत्री पद राष्ट्रीय लोक दल के खाते में गया है।
कुल 23 विधायकों में से 13 को कैबिनेट मंत्री और 10 विधायकों को राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया। कई दिनों की उहापोह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ कई दौर की चर्चा के बाद मंत्रिमंडल को अंतिम रूप दिया गया।
मंत्रिमंडल में सिर्फ एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया तो मुस्लिम विधायकों में भी सिर्फ 1 को ही मौका दिया गया।
कैबिनेट मंत्री
सालेह मोहम्मद, उदय लाल अंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, रमेश चन्द्र मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, परसादी लाल मीणा, प्रमोद जैन भाया, लालचंद कटारिया, डॉ रघु शर्मा, शांति धारीवाल, बीडी कल्ला
राज्यमंत्री
राजेन्द्र सिंह यादव, भजनलाल जाटव, टीकाराम जोली, अशोक चंदाना, सुखराम विश्नोई, भंवर सिंह भाटी, अर्जुन सिंह भाटी, अर्जुन सिंह बामणिया, ममता भूपेश, गोविन्द सिंह डोटासारा और आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग
23 में से 18 विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है।
मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण का भी ख़ास ध्यान रखा गया है। सबसे ज्यादा मंत्री 4 -4 मंत्री जाट और एससी समुदाय से बनाए गए हैं जबकि 3 मंत्री ओबीसी, 3 मंत्री एसटी और 3 मंत्री वैश्य समुदाय से बनाये गए हैं। र राजपूत कोटे से 2-2 मंत्री बनाए गए हैं जबकि 1 मंत्री पद गुर्जरों के खाते में गया है।
मंत्रिमंडल में गहलोत खेमे का बोलबाला रहा। गहलोत खेमे से 12 मंत्री बनाये गए हैं जबकि पायलट खेमे से 8 लोगों को मंत्री बनाया गया है।