वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों ने राजस्थान के कई हिस्सों में करोड़ो टन सोना होने का दावा किया है। विशेषज्ञों का दावा है कि राजस्थान के बांसवाड़ा और उदयपुर शहर में बडी मात्रा मे जमीनों के अंदर सोना है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में सोने के अलावा अन्य महत्वपूर्ण खनिज भी धरती के नीचे है। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में राजस्थान का भविष्य बेहद उज्जवल है।
दावा है कि पृथ्वी की सतह के नीचे करीब 11.48 करोड़ टन सोना है। भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण के महानिदेशक एन कुतुंबा राव के मुताबिक ये सोना धरती की सतह से करीब 300 फीट नीचे मौजूद हो सकता है।
इन जगहों में तांबे और सोने के निशान पाए है जिसके बाद यहां खोज शुरू हो गई है। बांसवाडा व उदयपुर के अलावा सीकर के नीमकाथाना क्षेत्र में भी धरती से खनिज पदार्थ निकालने का काम किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सोना और तांबे के अलावा जस्ता व सीसा भी धरती की सतह पर जमा हुआ है। वैज्ञानिकों ने राजपुरा-दरीबा खानों में करीब 350 मिलियन टन खनिज होने का दावा किया है।
भीलवाडा शहर की खानों में भी जमीन के नीचे मूल्यवान खनिजों की खोज की जा रही है। आज तक राजस्थान ने करीब 80 मिलियन टन तांबा उपलब्ध कराया है। थार रेगिस्तान रोजाना लगभग 1.7 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है।
राजस्थान क्षेत्र में जमीनों के अंदर दुर्लभ पृथ्वी तत्व भी मिलते है। परमाणु और अंतरिक्ष क्षेत्र, ऊर्जा, रक्षा, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में इनकी बहुत मांग होती है।
राजस्थान खनिजों और अन्य अनमोल तत्वों में समृद्ध हो रहा है। जिससे अनुमान लगाया जाता है कि आने वाले समय मे राजस्थान को काफी फायदा हो सकता है।