राजस्थान में 7 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने टोंक से 41 वर्षीय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस इस सीट से पिछले 46 साल से मुस्लिम उम्मीदवार उतारती रही है लेकिन इस बार उसने ये परंपरा तोड़ दी।
सचिन पायलट 2004 में दौसा से संसद बने थे जबकि 2009 में अजमेर से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। लेकिन 2014 में वो भाजपा के संवर लाल जाट से चुनाव हार गए थे। जाट की मृत्यु के बाद 2017 में उपचुनाव में रघु शर्मा ने ये सीट फिर कांग्रेस की झोली में दाल दी।
भौगोलिक दृष्टि से टोंक सचिन पायलट के दोनों लोकसभा सीट अजमेर और दौसा के बीच में पड़ता है। लेकिन टोंक को चुनने की एक और वजह भी है। टोंक के 2,22,000 मतदाताओं में से 45,000-50,000 के बीच मुस्लिम मतदाता है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस यहाँ से 1972 के विधानसभा चुनाव से 2013 तक मुस्लिम उम्मीदवार को उतारती रही है और इसी वजह से भाजपा यहाँ से हमेशा संघ के नेता को टिकट देती रही है।
भाजपा टोंक से 1980 से लगातार महावीर प्रसाद जैन को उतारती रही लेकिन 2013 में उसने अजित सिंह मेहता को टिकट दिया। इस बार फिर भाप ने अजित मेहता को ही चुनाव मैदान में उतारा है।
टोंक विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिमों के अलावा 25,000-30,000 गुज्जर, 35,000 एससी और 15,000 माली समुदाय के वोटर हैं। सचिन खुद गुज्जर हैं और एससी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहा है। अगर मुस्लिम, गुज्जर और एससी पायलट के लिए वोट करते हैं तो पायलट आसानी से ये सीट निकल ले जाएंगे।
लेकिन सारे मुस्लमान वोट कांग्रेस के साथ जाए ये इतना आसान भी नहीं लगता। कांग्रेस यहाँ से 1985, 1990, 1998, 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में ज़किया को टिकट देती रही है। जकिया ने 1985, 1998 और 2008 में ये सीट कांग्रेस की झोली में डाला। लेकिन इस बार कांग्रेस ने ज़किया को अनदेखा कर पायलट को टिकट दे दिया। टिकट न मिलने से नाराज जकिया से जब पायलट का समर्थन के सवाल पर पूछा गया तो ज़किया कहती है ‘अल्पसंख्यक का हक़ जाता है तो प्रतिक्रिया तो आएगी ही।’ ज़किया ने ये संकेत दिया है कि वो मुस्लिम को टिकट न देने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
भाजपा उम्मीदवार अजित मेहता, पायलट को बाहरी बताते हैं। मेहता कहते हैं कि कांग्रेस को कोई हक़ नहीं टोंक के लोगों के लिए पैराशूट उम्मीदवार भेजने का। मेहता इशारों इशारों में मुसलमानो को कांग्रेस के धोखे के बारे में बताते हैं कि किस तरह इस क्षेत्र से एक मुस्लिम का टिकट काट दिया पार्टी ने।