साल 2018 के शुरुआत में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का हिंसक विरोध कर के चर्चा में आई राजपूत करनी सेना अब राजस्थान विधानसभा चुनाओं के दौरान भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने और भाजपा को हारने की तैयारियों में जुट गई है।
करनी सेना राज्य भर में ‘स्वाभिमान सम्मलेन’ करने वाली है और संगठन के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कलवी राज्य के 84 विधानसभा सीटों पर और सभी जिला मुख्यालय में रैली कर के लोगों को भाजपा के खिलाफ वोट देने की अपील करेंगे।
हालाँकि स्थानीय राजपूतों का कहना है कि करनी सेना की क्षमता बहुत ही सीमित है और ये सब प्रचार हासिल करने का हथकंडा है। जबकि कलवी का कहना है कि संगठन का अभियान चुनाव में काफी फर्क पैदा करेगा।
कलवी ने कहा कि हमने गुलामो की तरफ भाजपा का समर्थन किया लेकिन जब हमने पद्मावत के प्रदर्शन और आनंदपाल के एनकाउंटर के खिलाफ आन्दोलन किया तो हमें पार्टी से राज्य स्तर या केंद्र स्तर पर कोई समर्थन हासिल नहीं हुआ।
आनंदपाल सिंह एक गैंगस्टर था जो रावण राजपूत समुदाय से आता था। रावण राजपूत, राजपूतों के समक्ष एक समुदाय है लेकिन राजपूतों में नहीं आते। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद उसकी हत्या की सीबीआई जांच के लिए राज्य में हिंसक आन्दोलन हुआ था।
कलवी ने कहा कि अब वक़्त आ गया है कि राजपूत और अन्य सभी समुदाय भाजपा को सत्ता से बाहर कर दें। उन्होंने कहा ‘हम किसी का भी समर्थन कर सकते हैं जो भाजपा को परास्त करे, चाहे वो कांग्रेस का उम्मीदवार हो या निर्दलीय हो।’
पिछले दिनों कलवी झालर पाटन में थे। झालर पाटन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का निर्वाचन क्षेत्र है जहाँ से कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत के बेटे मानवेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा है।
कलवी ने कहा ‘हमने वह बड़ी रैली का आयोजन किया। करीब 10,000 लोग रैली में उपस्थित थे।’ कलवी ने बताया कि झालर पाटन राजपूत गौरव का प्रश्न है। वहां राजपूत वोटर बड़ी संख्या में नहीं हैं इसलिए हम अन्य समुदायों को भी वसुंधरा के खिलाफ खड़ा करेंगे।
कलवी ने कहा कि जालर पाटन में पाटीदार वोटरों को समझाने के लिए हार्दिक पटेल को भी बुलायेंगे। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने भी रैली के लिए संपर्क किया है।
अपने निर्वाचन क्षेत्र में चारो तरफ से घिरने के बाद वसुंधरा की संभावनाओं पर बात करते हुए एक ग्रामीण मतदाता का कहना है ‘मानवेन्द्र सिंह पोकरण सीमा से आते और उन्हें मध्य प्रदेश की सीमा (झालर पाटन मध्य प्रदेश के गुना क्षेत्र से लगता है) पर भेज दिया गया। वो अपने क्षेत्र में आसानी जीत सकते हैं लेकिन यहाँ झालर पाटन में मुख्यमंत्री को हराना बहुत ही मुश्किल है।’