दो दिनों से फंसे पेंच के बाद आखिरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री का एलान भी कांग्रेस ने कर ही दिया। वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीसरी बार राजस्थान की कमान सौंपी गई जबकि युवा नेता सचिन पायलट राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे।
इससे पहले दो दिनों की गहमागहमी और कई दौर की बैठकों के बाद जब शुक्रवार को राहुल गाँधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ अपनी फोटो ट्वीटर पर पोस्ट की जिसके साथ लिखा था “राजस्थान की एकता के रंग” तो अटकलें लगाईं गई कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का मसला सुलझ गया है और उसके कुछ ही देर बाद प्रेस कांफ्रेंस में इसका औपचारिक ऐलान कर दिया गया।
The united colours of Rajasthan! pic.twitter.com/D1mjKaaBsa
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 14, 2018
उसके बाद कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम की घोषणा हुई और दोनों को मुबारकबाद दी गई।
.@ashokgehlot51 a stalwart of the Congress party has been elected CM of Rajasthan. We wish him the best as he takes on this new appointment with vigour, sincerity & a commitment to our democratic values. pic.twitter.com/eMvwuZYMM9
— Congress (@INCIndia) December 14, 2018
Our best wishes to Shri @SachinPilot, the new Deputy CM of Rajasthan. A young & dedicated leader, he is sure to bring development, peace & happiness to the people of Rajasthan. pic.twitter.com/0UlcCDESFl
— Congress (@INCIndia) December 14, 2018
गहलोत सबसे पहले 1998 में राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे उसके बाद उन्होंने 2008 में दोबारा राजस्थान के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। लम्बे समय से राजनीति से जुड़े गहलोत को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है। उनके पास गाँधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम करने का अनुभव है। अशोक गहलोत इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के साथ काम कर चुके हैं।
67 वर्षीय गहलोत 1980 से 1999 तक पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने केंद्र में पर्यटन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। 1999 में वो पहली बार जोधपुर के सरदारपुरा सीट से विधायक चुने गए और तब से लगातार वो इसी सीट से राजस्थान विधानसभा में पहुँचते रहे हैं।
गौरतलब है कि 11 दिसंबर को घोषित हुए चुनाव परिणाम में कांग्रेस 200 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी और 5 सालों के वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा के शासन का अंत किया। कांग्रेस ने चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया था लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट इस रेस में सबसे आगे बने हुए थे।