राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी।
राजस्थान में टाइम्स नाउ-CNX के द्वारा कराये गए चुनाव पूर्व ओपिनियन पोल में राज्य में कांग्रेस की आंधी चलने के संकेत हैं। राज्य के 67 विधानसभा क्षेत्रों में 8,040 मतदाताओं के बीच किये गए सर्वे में ये बात निकल कर सामने आयी कि वसुंधरा राजे की सत्ता जा सकती है और कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी।
पिछले 5 सालों में विधायकों के काम काज के सवाल पर 43.27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो अपने विधायकों के काम से संतुष्ट नहीं हैं जबकि 40.7 प्रतिशत लोग अपने विधायकों के काम से संतुष्ट थे। 16.03 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो कुछ भी कहने में असमर्थ हैं।
विधायकों के काम काज से नाराजगी का मतलब है कि सत्ता विरोधी लहर राजस्थान चुनाव में एक बहुत बड़ा फैक्टर है।
वोट देने के लिए सबसे बड़े आधार के सवाल पर पोल में शामिल लोगों ने बहुमत से कहा कि उनके क्षेत्र का उमीदवार सबसे बड़ा आधार है वोट देने का। सर्वे में 35 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि अपने क्षेत्र के उम्मीदवार के आधार पर वो वोट देते हैं। जबकि 26.63 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि उनके लिए मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी सबसे ज्यादा महत्त्व रखता है और वो उसी आधार पर वोट देते हैं।
बाकी बचे 5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बेरोजगारी उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है जबकि 27 प्रतिशत लोगों ने विकास को सबसे बड़ा मुद्दा बताया।
हाल के दिनों में राजनीति में सबसे ज्यादा तहलका मचाने वाला राफेल डील सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों के लिए एक मुद्दा था।
वसुंधरा राजे के कार्यकाल के बारे में सवाल पर 48 प्रतिशत लोगों ने कहा ख़राब जबकि 35 प्रतिशत लोगों ने उनके कार्यकाल को अच्छा बताया। 12 प्रतिशत लोगों की राय में उनका कार्यकाल औसत था।
इससे पता चलता है कि लोगों में वसुंधरा को लेकर नाराजगी है और अगर इन चुनावों में भाजपा वसुंधरा के बदले किसी और चेहरे को सामने रखती तो शायद भाजपा के लिए हालात उतने ख़राब नहीं होते जितने अब हैं।
जब लोगों से पूछा गया कि मुख्यमंत्री के रूप में किसका कार्यकाल ज्यादा बेहतर रहा तो 30.82 फ़ीसदी लोगों ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के पक्ष में वोट किया जबकि 25.25 फ़ीसदी लोगों ने राजे के कार्यकाल को बेहतर बताया।
45 प्रतिशत लोगों ने ये कह कर भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी कि वसुंधरा से नाराज हो कर भारत वाहिनी पार्टी बनाने वाले घनश्याम तिवारी की पार्टी भाजपा को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंचाएगी।
अगला मुख्यमंत्री कौन के सवाल पर सचिन पायलट, वसुंधरा का विकल्प बन कर उभरे।
इस सर्वे में केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर आई। राज्य और केंद्र सरकार के कामकाज के सवाल पर 63 फ़ीसदी लोगों ने केंद्र सरकार के कामकाज को बेहतर बताया। इससे ये बात साफ़ हो गई कि विधानसभा में भाजपा भले ही हार जाए लेकिन 2019 लोकसभा में ब्रैंड मोदी लोगों के वोट अपने पाले में करने में सफल रहेगा।
53 फ़ीसदी लोग मोदी के कामकाज से खुश दिखे जबकि अगले PM के सवाल पर 69 फ़ीसदी लोगों ने मोदी को वोट दिया।
इससे ये साफ़ होता है कि अभी बतौर प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने के लिए राहुल गाँधी कहीं नहीं ठहरते।