राजस्थान में 8 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावो में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आने की उम्मीद है। एबीपी न्यूज -सीएसडीएस के चुनाव पूर्व सर्वे के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने वाली है।
इस सर्वे के अनुसार कांग्रेस अपने वोट शेयर में 12 फ़ीसदी के उछाल के साथ 110 सीटों पर कब्ज़ा जमा सकती है। जबकि 41 फीसदी वोट शेयर के साथ भाजपा को 84 सीटें मिलने का अनुमान है।
2013 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा के नेतृत्व में भाजपा ने 163 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत हासिल किया था जबकि कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें मिली थी। 2013 में भाजपा ने 46.03 फीसदी वोट हासिल किये थे जबकि कांग्रेस को 33.68 फीसदी वोट मिले थे। वोट शेयर का ये अंतर सीटों में भी दिखाई दिया। भाजपा को जहाँ 84 सीटों का फायदा हुआ था वहीँ कांग्रेस को 75 सीटों का नुक्सान झेलना पड़ा था।
इस सर्वे के अनुसार अन्य पार्टियां 14 फीसदी वोट शेयर के साथ 6 सीटें झटकने में कामयाब रहेंगी। जबकि 2013 में अन्य ने करीब 20 फीसदी वोटों के साथ 16 सीटें हासिल की थी। अन्य पार्टियों में इस बार आम आदमी पार्टी भी इन चुनावों में हिस्सा ले रही है तो भाजपा से नाता तोड़ कर अपनी नयी पार्टी बनाने वाले जाट नेता हनुमान बेनीवाल भी जाट वोटों को अपनी ओर करने के लिए तैयार बैठे हैं।
सर्वे के अनुसार युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट मुख्यमंत्री के लिए राजस्थान के जनता की पहली पसंद हैं जबकि उनके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नंबर है।
सर्वे से साफ़ पता चलता है कि लोगों में वसुंधरा को लेकर काफी नाराजगी है। अब जबकि वोटिंग में काफी कम दिन रह गए हैं भाजपा अपने स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार में उतारेगी।
वसुंधरा से भारी नाराजगी के बाद भी पार्टी का 84 सीटें जीतना ये दिखाता है कि मुकाबला बिलकुल एकतरफा न सही लेकिन थोड़ा नजदीकी हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की सभाओं के बाद भाजपा को कुछ सीटें बढ़ने की उम्मीद भी है।