राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को पिछली वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ाने का आरोप लगाया और पूछा कि केवल पांच वर्षों में यह 1.70 लाख करोड़ से अधिक कैसे बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि साल 2013 में भाजपा के सत्ता में आने पर राज्य पर ऋण का बोझ 1.29 लाख करोड़ रुपये था जो भाजपा के 5 सालों के शासन में यह बढ़ कर 3 लाख करोड़ रु हो गया।
गहलोत ने कहा “हमारी पूर्व (कांग्रेस) सरकार ने 2013 में 1.29 लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ा था। यह पिछले 30-40 वर्षों का कर्ज था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में यह बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो गया। पांच साल में कर्ज में करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई।” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से पूछा – “ये कैसे हो गया?”
गहलोत कृषि ऋण माफी की घोषणा के बाद सरकार के समक्ष वित्तीय चुनौती पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिससे राज्य के खजाने पर 18,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्र में एनडीए सरकार से देश भर में कृषि ऋणों को माफ करने की भी मांग की, जैसे कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के बाद किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार पर कर्ज माफ करने का दबाव बनाने के लिए जल्द ही किसानों की एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा।
गहलोत ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के ऋण माफ करने के लिए फिर से पीएम से मिलेंगे और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के साथ चर्चा के बाद विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के ऋण माफ करने के अपने वादे को पूरा किया है और इस पर काम शुरू हो गया है। एनडीए सरकार को भी कृषि ऋण माफ करना चाहिए।”