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    वोटिंग voting

    कल 29 जनवरी को राजस्थान में तीन सीटों पर हुए उपचुनावों में रिकॉर्ड वोटिंग हुई है। जिससे बीजेपी व कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गई है। अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों व मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में क्रमशः 65 प्रतिशत, 62 प्रतिशत और 80 प्रतिशत की वोटिंग हुई है।

    अधिक वोटिंग होने से बीजेपी व कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। किसी भी पार्टी को इतनी संख्या मे वोटिंग होने की उम्मीद नहीं थी। अधिक वोटिंग होने से पार्टियों के समीकरण बिगड़े हुए नजर आ रहे है।

    अजमेर में कुल 23 उम्मीदवार, अलवर में 11 और मांडलगढ़ में आठ उम्मीदवार मैदान में है। उपचुनावों का परिणाम 1 फरवरी को घोषित किया जाएगा। अजमेर व अलवर लोकसभा सीटों में सीधी टक्कर बीजेपी व कांग्रेस के बीच में बताई जा रही है। वहीं मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए जंग त्रिकोणीय हो गई है।

    बीजेपी व कांग्रेस के अलाव निर्दलीय प्रत्याशी भी यहां मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है। भाजपा के शक्तिसिंह हाडा, कांग्रेस के विवेक ढाका और निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल मालवीय के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है।

    ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार

    निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तीन निर्वाचन क्षेत्रों में 12,000 सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त किया था। अजमेर के काकडी गांव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में तकनीकी गलती की वजह से कुछ समय तक मतदान प्रक्रिया को रोक दिया गया था।

    केलाडी मंडा के वासियों ने मतदान का बहिष्कार किया। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सड़कों की हालत खराब है और पानी की भी उपलब्धता नहीं है। जिस वजह से हम मतदान का बहिष्कार कर रहे है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, तीन निर्वाचन क्षेत्रों में 4,194 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे।

    तीनो सीटों के लिए हुए उपचुनावों में करीब 39 लाख मतदाता पंजीकृत थे। अलवर में कुल 18.27 लाख मतदाता है, अजमेर में 18.43 लाख मतदाता और मंडलगढ़ में 2.31 लाख मतदाता है।