असम में इन दिनों अवैध प्रवासियों की पहचान की मांग को लेकर भारत सरकार ने कदम आगे किए है। ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में लोगो से आग्रह किया है एवं उन्हें साफ़ किया है कि भारत सरकार बिलकुल नहीं चाहती की इससे कोई प्रभावित हो। एवं भारत सरकार असम के हर नागरिक को पर्याप्त मौका देगी अपनी नागरिकता साबित करने का इसमें कोई घबराने वाली बात नहीं है।
भारत सरकार किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी। अपने ब्यान में राजनाथ ने कहा , ‘‘डरने या घबराने का कोई कारण नहीं है। किसी को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर व्यक्ति को इंसाफ मिले और उससे मानवीय तरीके से व्यवहार किया जाए।’’ उन्होंने आगे कहा कि ‘‘सभी लोगों को कानून के तहत उपलब्ध सभी उपायों का पर्याप्त मौका मिलेगा। प्रक्रिया के हर चरण में सभी लोगों को अपनी बात कहने के पर्याप्त अवसर दिए जा रहे हैं।’’
बता दे कि बीते कुछ समय से असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के प्रकाशन की बात चल रही है जिससे काफी लोग परेशान है। इसी को लेकर राजनाथ ने कहा ,‘‘सभी दावों और आपत्तियों का उचित रूप से परीक्षण किया जाएगा। दावों और आपत्तियों के निपटारे से पहले अपनी बात रखने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे। इसके बाद ही अंतिम एनआरसी प्रकाशित किया जाएगा। ’’
साल 2005 में कांग्रेस सरकार ने असम में अवैध प्रवासियों की पहचान की मांग को लेकर पहली बार एनआरसी लाइ थी। इसी के उपलक्ष में भाजपा सरकार भी पंजीकरण कर रही है। जिससे अवैध प्रवासियों की पहचान की जाए।
20वीं सदी की शुरुआत से ही बांग्लादेश से लोगों के असम में आने का सिलसिला चलता रहा है। इसी के चलते सरकार एनआरसी राष्ट्रीय नागरिक पंजी की क़वायद कर रही है। असम भारत का एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी की व्यवस्था है।