नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जिसमें उसने रिश्वत मामले में अपने पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है।
जांच एजेंसी ने अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार और दो अन्य लोगों पर दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच मोइन कुरैशी मामले में कम से कम पांच बार रिश्वत लेने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
अदालत ने इसी साल 11 जनवरी को अस्थाना, कुमार और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ दर्ज मामले को खत्म करने से इनकार कर सीबीआई को 10 सप्ताह के अंदर जांच करने का आदेश दिया था। यह समय सीमा 24 मार्च को खत्म हो गई थी।
अदालत ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
सीबीआई के अनुसार, कुमार ने उद्योगपति मोइन कुरैशी मामले में गवाह सतीश साना बाबू के बयान को बदलकर यह दिखाया था कि यह बयान 26 सितंबर 2018 में दिल्ली में दर्ज हुआ था।
एजेंसी के अनुसार, जांच में बाद में सामने आया कि बाबू उस दिन दिल्ली में नहीं हैदराबाद में था। वह जांच में एक अक्टूबर 2018 को शामिल हुआ।