मिताली राज ने भारतीय महिला टीम के कोच रमेश पोवार पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा हैं कि, उन्होनें मुझे अपमानित और मैरे साथ पक्षपात किया हैं। वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्वकप के खत्म होने के बाद मिताली राज ने टीम के कोच पर यह आरोप लगाए हैं।
मिताली राज के द्वारा बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी और मैनेजर सबा करीम को भेजे गए पत्र, जो कि इंडिया टुडे में प्रकाशित हुआ हैं कि उसमे लिखा हुआ है कि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच से पहला मुझे टीम से निकालना मुझे अच्छा नही लगा और यह मुझे चौंका देने वाला फैसला था, औऱ उन्होनें कहा कि कोच नें मेरे साथ इस टूर्नामेंट में बहुत पक्षपात किया।
मिताली ने कहा की वेस्टइंडीज आते ही मैरें ओर कोच के बीच बिना किसी बात के दूरी आ गई। उन्होने वेस्टइंडीज आते ही मेरे साथ पक्षपात शुरु कर दिया था लेकिन मैनें इसे कुछ दिन नजर अंदाज कर दिया था।
मिताली ने आरोप लगाया कि टीम के हित में पोवार द्वारा उठाए गए कुछ निर्णयों को पालन करने के बाबजूद ओपनिंग बल्लेबाजी के दौरान एक के बाद एक अर्धशतक मारने के बाद, जब मैनें उनसे अपने पसंदीदा स्लॉट में लौटने को कहा तो कोच ने उनके साथ पक्षपात किया और उनको इस टूर्नामेंट में बहुत तनाव दिया।
विश्वकप टी-20 के अभ्यास मैचों में मिताली ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 0 औऱ इंग्लैंड के खिलाफ 18 रन बनाए थे, तो टीम ने विश्व कप के पहले टी-20 मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ उनको टॉप-आर्डर में बल्लेबाजी करने के लिए कहा।
लेकिन उसके बाद पाकिस्तान औऱ आयरलैंड के खिलाफ फिर से उनको ओपनिंग पर उतारा गया और मिताली ने दोबारा ओपनिंग करते हुए टीम के लिए दोनो ही मैचों में अर्धशतक बनााए, इसके लिए दोनों मैचों में उनको प्लेयर ऑफ दा मैच का अवार्ड भी मिला, लेकिन उनको पाकिस्तान के खिलाफ स्लेकटर्स से लड़कर ओपनिंग के लिए भेजा गया।
मिताली ने कहा कि मैनें बहुत टाइम से मैने मिडल -आर्डर पर बैटिंग नही की थी, लेकिन मैं टीम की भलाई के लिए यह करने के लिए भी तैयार थी और हर चीज से पहले मेरे लिए टीम आगे है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ जब हमारी टीम बैटिंग करने उतरी तो हमारी टीम ने पावरप्ले में 38 रन पर ही तीन विकेट खो दिये थे, और अगले दिन जब टीम मीटिंग हुई थी तो टीम मैनेंजमेट ने मुझे बताया कि अगले मैच में भी हम सामान्य ओपनिंग के साथ उतरेंगे, और टीम मैनेजमेंट ने इसके बाबजूद ओपनिंग प्लेयर की तारीफ की।
मिताली द्वारा बीसीसीआई को लिखे पत्र मे यह भी लिखा गया हैं कि वह मुझे अभ्यास के दौरान नेट्स में मुझे अनदेखा करते थे जो कि मेरी लिए बहुत बड़े अपमान की बात हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले मिताली को बुखार हो गाया था तो ऐसे में कोच ने कहा कि तुम्हें मैदान पर आने की जरुरत नही हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले शाम को कोच पवार मेरे रुम में आए कि तुम ग्राउंंड में मत आना क्योंकि वहा पर मीडिया होगी। तो मैनें उनसे पूछा कि मैं इतने बड़े मैच में टीम के साथ टीम में शामिल नही हूं किया…. और मैं अचंबित रह गई।
मैनें उसके बाद अपने मैनेजर से बात की और कहा कि मुझे कोई गंभीर चोट नहीं हैं बस यह एक मामूली से बुखार हैं तो मैनेजर ने मुझे मैदान पर आकर मैच देखने की मंजूरी दी।