मिताली राज जिन्होने भारतीय महिला टीम के कोच रमेश पोवार के ऊपर पक्षपात औऱ खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था, उन्हें भारत के पूर्व बल्लेबाज मदन लाल ने टी-20 में अपनी बल्लेबाजी में सुधार कर के टीम में अपनी जगह बरकरार रखने को कहा हैं।
मदन लाल ने रमेश पोवार का पक्ष लेते हुए कहा कि टीम मैनेजमेंट को कभी-कभी टीम की भलाई के लिए कठिन निर्णय लेने होते हैं, ऐसे में किसी खिलाड़ी को इसे व्यक्तिगत रुप से लेना गलत हैं। मिताली ने पोवार के साथ सीओए सदस्य इडुल्जी पर भी बीसीसीआई को लिखे पत्र में उनके भविष्य को बरबाद कर देने को लेकर आरोप लगाए थे।
मिताली के बीसीसीआई को लिखे पत्र के बाद, पोवार ने पलटवार करते हुए अपने 10 पन्नो की रिपोर्ट में लिखा की ” मिताली मुझे ब्लेकमेल और मेरे ऊपर दबाव बनाना बंद करे, औऱ पोवार ने यह भी कहा था कि वह स्वार्थी खिलाड़ी हैं औऱ टीम से पहले खुद के बारे में सोचती हैं, पोवार ने कहा कि जब हमने मिताली को ओपनिंग करने से मना किया तो उन्होने हमे टूर्नामेंट के बीच में सन्यास लेने की धमकी दी।
वही इसी साल महिला टीम के कोच बने पोवार का टीम के कोच के पद से 30 नवंबर को कांन्ट्रेक्ट भी खत्म हो गया हैं, औऱ उसी दिन बीसीसीआई ने भारतीय महिला टीम के कोच के पद के लिए तीन आवेदन आमंत्रित किये।
अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम से बाहर रखा गया था, जिसमें भारतीय टीम को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके लिए मिताली राज ने पोवार और टीम मैनेजमेंट की आलोचना की थी।
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने कहा कि” अगर आप ऐसे ही कोच हटाते रहेंगे तो इससे बढ़िया टीम के कोच के रुप में पुतले को रख देना चाहिए, कोच भी टीम का ही एक हिस्सा होता हैं औऱ उसको फैसले लेने का भी अधिकार होता हैं, जिसे खिलाड़ियो को मानना चाहिए। कोच भी टीम के लिए जीत ही चाहता था, और कप्तान हरमनप्रीत कौर भी इसका हिस्सा थी, तो फिर कोच को क्यों अकेले घेरे में लिया गया, स्लेकटर्स भी इसका हिस्सा थे। पोवार को बिन बात के कोच के पद से हटाया गया औऱ ऐसा होता रहेगा तो खेल आगे नही बढ़ेगा”।