बंगाल और मध्यप्रदेश के रणजी ट्राफी मुकाबले में बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने खेल के दूसरे दिन 201 की नाबाद पारी खेलते हुए, अपने करियर की पांचवी डबल सेंचुरी बना डाली और अपनी टीम को एक मजबूत स्थिती में लाकर खड़ा कर दिया।
मीडिया को दिये अपने एक बयान में बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने बोला की अगर वह यह पारी नहीं खेलते तो वह टीम से ड्राप भी किये जा सकते थे और उनकी कप्तानी भी शक के घेरे में थी इसलिए वह अपनी इस इनिंग से बहुत खुश हैं।
बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने अपने इंटरनैशनल करियर की बात करते हुए कहा कि बार-बार की इंजरी के कारण उन्हें इंटरनैशनल क्रिकेट में जगह नहीं मिल पा रही हैं, और इंजरी के कारण कई घरेलू मैचों में हिस्सा नहीं ले पा रहें हैं।
मनोज तिवारी ने अपने रणजी ट्रोफी करियर के पांचवे डबल शतक के बाद, अपने शतक को बहुत स्पेशल बताया क्योंकि उनकी मां ने यह पूरा मैच डायरेक्टर बॉक्स से देखा और उन्होनें यह मैच उस बैट से खेला जिसमें उनके बेटे युवान का नाम लिखा हुआ था।
मनोज तिवारी ने अपने 201 रनों की पारी में तब तेज खेलना शुरु किया जब वह 166 के स्कोर पर थे और उनका साथ निभा रहे अशोक डिंडा 9वें विकट के रुप में आउट हुए। उन्होनें अपने आखिरी 35 रन केवल 29 बॉल पर बनाए जिसमें 3 चौके और 2 छक्के शामिल हैं, इशान पोरेल ने आखिरी विकेट के लिए उनका बखूबी साथ निभाया और उन्होंने सिर्फ पांच गेंद का सामना किया।
बंगाल की टीम ने अपनी पहली इनिंग में 9 विकेट खोकर 510 रन बनाए और कप्तान मनोज तिवारी के 201 रन की नाबाद पारी के बाद टीम घोषित की।
मध्यप्रदेश की तरफ से शुभम शर्मा ने सबसे ज्यादा पांच विकेट चटकाए। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक मध्यप्रदेश ने बिना विकेट खोए 15 रन बनाए हैं।