राजनीती के खेल को समझना बड़ा ही मुश्किल है। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टियां तमाम तरह के तिगड़मबाजी करती रहती है। अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए अगर उनको बाहर के लोगो को भी टिकट देना पड़े तो भी वो नहीं चूकती है।
एक समय पर सिर्फ आम आदमी की मदद से सरकार बनाने का दावा करने वाले और कांग्रेस पार्टी के घोर आलोचक केजरीवाल अब पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के प्रमुख आर्थिक सलाहकार रह चुके रघु राम राजन को भी टिकट देने को राजी है। जी हां, आम आदमी पार्टी अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को टिकट देने को तैयार है।
ये फैसला जहां भविष्य में पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है, तो वहीँ पार्टी के अंदर चल रहे तमाम गुटबाजियों पर भी रोक लगाने में मददगार साबित हो सकता है। वैसे अग्रणी कवि तथा पार्टी के बड़े नेता कुमार विश्वास खुलकर अपने लिए राज्यसभा की सीट मांग चुके है। ऐसे में अगर पार्टी बाहर के किसी व्यक्ति को टिकट देती है तो पार्टी के अंदर राज्यसभा सीट पाने के लिए चल रहे आंतरिक राजनीति पर विराम लगेगा।
गवर्नर रघुराम राजन का नाम इसलिए भी राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्यूंकि इस साल का नोबेल पुरस्कार पाने में वो संभावित दावेदार है। वह अमेरिकन फाइनेंस एसोसिएशन द्वारा दिए जाने वाले फिशर ब्लैक पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता है। इसके अलावा उन्हें ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर, इन्फोसिस द्वारा-आर्थिक विज्ञान के लिए सम्मान तथा वित्तीय अर्थशास्त्र के लिए सैंटर फार फाइनेंशियल स्टडीज़, ड्यूश बैंक सम्मान भी प्राप्त हो चुका है।
झीलों के शहर भोपाल में 3 फ़रवरी 1963 को जन्म लेने वाले रघु राम राजन ने दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट, अहमदाबाद से उन्होंने 1987 में एम॰बी॰ए॰ करने के बाद मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1991 में उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीएच॰डी॰ किया था।