केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति भारत के लिए एक चुनौती के रूप में सामने आई है जब कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी के बाद कार्यभार संभाला है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में बदलावों के कारण रणनीति पर पुनर्विचार हुआ है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने रेप्रोट किया कि रक्षा मंत्री ने कहा कि, “अफगानिस्तान में बदलते समीकरण हमारे लिए एक चुनौती है। इन स्थितियों ने हमारे देश को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। हम अपनी रणनीति बदल रहे हैं और क्वाड का गठन इस रणनीति को रेखांकित करता है।” राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में अपना मुख्य भाषण देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने वहां सशस्त्र बलों के अधिकारियों से भी बातचीत की।
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय एकीकृत युद्ध समूहों के गठन पर गंभीरता से विचार कर रहा है। “ये ‘एकीकृत युद्ध समूह’ दुश्मनों से लड़ने के लिए नए समूह होंगे। इसके तहत बेहद घातक, ब्रिगेड के आकार के फुर्तीले और आत्मनिर्भर लड़ाकू फॉर्मेशन बनाए जाएंगे। साथ ही युद्धों के दौरान त्वरित निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण कारक है। ये समूह न केवल तेजी से निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करेंगे बल्कि एकीकृत लड़ाकू इकाइयों की संख्या में भी वृद्धि करेंगे।”
इससे पहले शनिवार को राजनाथ सिंह ने इसी तरह की टिप्पणी की थी, हालांकि, यह अफगानिस्तान की स्थिति के सीधे संदर्भ में नहीं थी। उन्होंने कहा था कि, “दुनिया भर में हो रहे परिवर्तन अक्सर हमारे लिए चिंता का विषय बन जाते हैं। हमें एक राष्ट्र के रूप में दुनिया भर में अनिश्चितताओं और उथल-पुथल के इस समय के दौरान अपने गार्ड को ऊंचा रखना चाहिए।”
इस बीच ब्रिटेन अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध के प्रमुख सहयोगियों में से एक था। ब्रिटेन ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने का काम पूरा कर लिया है। इसके अलावा अमेरिका भी दो दशकों से अधिक समय तक अपनी उपस्थिति के बाद 31 अगस्त तक देश से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस लेने के लिए निर्धारित है। शनिवार को पहले आई खबरों के मुताबिक तालिबान ने काबुल हवाईअड्डों के कुछ हिस्सों पर पहले ही कब्जा कर लिया था।
वहीं केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान के हालात के बारे में बात की। साथ ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि देश संकट के समय अपने नागरिकों के साथ खड़ा रहेगा। अंतिम अपडेट के अनुसार अब तक भारत द्वारा काबुल से 550 से अधिक लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।