भारत-चीन सीमा विवाद के बीच आज रक्षा मंत्रालय ने बजट में 20,000 करोड़ अधिक की मांग की है। मंत्रालय ने कहा है कि सेना को कम से कम 10 दिन के युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। यह मांग उस समय हुई है जब भारत और चीन के बीच लगातार तनातनी बनी हुई है।
आपको बता दें इस साल रक्षा बजट केंद्र की और से 2,74,113 करोड़ रुपए का पेश किया गया था। यह पुरे जीडीपी का करीबन 1.6 प्रतिशत ही है। इस बजट में पिछले बजट से सिर्फ 6 प्रतिशत की ही बढ़ौतरी की गयी थी। ऐसे में रक्षामंत्रालय ने युद्ध की तैयारी के लिए करीबन 20,000 रुपयों की मांग की है। पहले से मिले रक्षाबजट में से तक़रीबन आधा हिस्सा रक्षा मंत्री को मिल गया है और इसमें से करीबन एक-तिहाई खर्च भी हो गया है। कुछ दिन पहले ही सेना के उप-प्रमुख द्वारा हथियार आदि ख़रीदे गए हैं।
इससे पहले नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सेना कि पास मात्र 10 दिनों के लड़ने जितना ही गोला-बारूद है। इसके तुरंत बाद सेना ने हथियार खरीदी में तेजी दिखाई है। 1999 कि युद्ध से पहले भारत को करीबन 40 दिन की लड़ाई जितना गोला-बारूद रखना होता था जो युद्ध के बाद घटाकर 20 दिन कर दिया गया था।