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    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नए पद के लिए 20 वर्षों से चर्चा चल रही थी, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए बिना समय बर्बाद किए तुरंत स्वीकृति दे दी। सिंह ने यहां कहा, “रक्षामंत्री बनने के बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा की, जिन्होंने बिना समय बर्बाद किए अपनी त्वरित मंजूरी दे दी।”

    सिंह जयपुर में आयोजित सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी उपस्थित थे।

    सिंह ने सेना के दिग्गजों की प्रशंसा और सम्मान में भी बातें कही। उन्होंने कहा, “हमें अपने पूर्व सैनिकों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उनका काम अतुलनीय है। देश में हमारे पूर्व सैनिकों का सम्मान करने की एक लंबी परंपरा है।”

    उन्होंने कहा, “वास्तव में वह भूतपूर्व सैनिक ही थे, जिन्होंने हमें सीडीएस पद बनाने के लिए प्रेरित किया।”

    रक्षामंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए कई योजनाओं पर चर्चा की जा रही है, जिनमें से एक पेंशन प्रणाली को ऑनलाइन करना भी शामिल है।

    उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिकों के कल्याण के लिए कई अन्य योजनाओं पर चर्चा की जा रही है और प्रधानमंत्री ने हाल ही में तीन सैन्य अस्पतालों की स्थापना की घोषणा की है।

    उन्होंने कहा कि जनरल रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

    सिंह ने कहा, “वह सेवानिवृत्त सैनिकों का बहुत सम्मान करते हैं और इसलिए वह इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आए हैं।”

    मंत्री ने कहा कि सरकार 2030 तक आर्थिक मानकों के मामले में भारत को शीर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में लाने और पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

    इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीडीएस का गठन कई प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।

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