स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादन ने मंगलवार को पीएम मोदी द्वारा चुनावी रैलियों में बालाकोट हवाई हमलें का उल्लेख करने पर चुनाव आयोग के संज्ञान न लेने पर सवाल उठाया हैं।
प्रसिद्ध पेसेफोलॉजिस्ट, जो आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी रह चुके हैं और निष्कासन के बाद उन्होंने स्वराज अभियान का गठन किया, उन्होंने बिहार के बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे सीपीआइ के उम्मीदवार कन्हैया कुमार के लिए प्रचार करते हुए मोदी पर हमला किया।
बालाकोट हवाई हमले के बाद ही, मैंने कहा था कि एक स्वाभिमानी राष्ट्र को प्रतिक्रिया के साथ आना चाहिए। इसलिए, प्रतिक्रिया दे लेकिन सरकार को इसे राजनीतिक रूप से भूनाने की कोशिश नही करनी चाहिए और विपक्षियों को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में शासन की आलोचना नही करनी चाहिए।
योगेंद्र यादव ने कहा, लेकिन, दुर्भाग्य से प्रधानमंत्री ने खुद औचित्य का प्रदर्शन नही किया।
उन्होंने कहा, मोदी के खिलाफ किसी ने कुछ आयोजित नही किया होगा, उन्होंने ने राष्ट्रीय को बस यह बताया कि सशस्त्र बल ने बालाकोट में ऑपरेशन किया और हमे उस पर गर्व हैं।
लेकिन वह वहां ही नही रूके। जिस दिन हवाई हमला किया गया था, वह राजस्थान में पुलवामा हमलों के शहिदों की तस्वीरों के साथ एक रैली को संबोधित कर रहे थे और मोदी ने घोषणा की कि यह कदम उनके सत्ता में रहने के कारण उठाया गया।
यादव ने कहा, यह करना एक खतरनाक बात हैं। देश के लोगों को यह समझना चाहिए कि जब भी राजनीतिक बंदुओं को पाने के लिए सशस्त्र बल का प्रयोग किया गया हों, तो सेना के शासन में राजनीति का पतन होना तय हैं।
उन्होंने कहा,इन सभी बदलावों के बीच, मुझे हैरानी हो रही हैं कि चुनाव आयोग क्या कर रहा हैं.. रैली के बाद रैली, मोदी वोट मांगने के लिए बालाकोट हमलों को प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन, चुनाव आयोग पूरी तरह से अनजान दिखाई दे रहा हैं।
यादव ने यह भी आरोप लगाए कि जब से भाजपा सत्ता में आई हैं, देश में मुस्लमानों के दोयम दर्जें के नागरिक हो गए हैं।
उन्होंने कहा, यह पहले ही हो चुका हैं, भाविष्य में होने कि संभावना नही हैं। संविधान ने शायद उनको समान अधिकार दिया हैं। लेकिन आम नागरिकों, के लिए कानून स्थानीय पुलिस द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। और यह रवैया सभी को समान अधिकारों से वंचित करने के लिए अपनाया गया हैं।
विवादास्पद नागरिकता विधेयक का हवाला देते हुए योगेंद्र यादव ने कहा यह नेपाल और भूटान जैसे देशों से अवेध आव्रजन का कोई उल्लेख नही करता।
नागरिकता विधेयक को देखो। यह पाकिस्तान बांग्लादेश और यहा तक की अफगानिस्तान से आए अवैध प्रवासियों की बात करता हैं। हालांकि पड़ोसी देश नेपा और भूटान से आए अवैध आव्रजन का इसमें कोई उल्लेख नही हैं।
और अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि यह विधेयक अवैध आप्रवासियों को निकालने के लिए हैं, यह किसी ईसाई, बुद्ध या सिख के लिए नही हैं। तो बचा कौन? यह समझने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता नही हैं कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य क्या हैं।
योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार को पुंजीवाद का हथकंड़ा करार देते हुए कहा, किसान की आय को दोगुनी करने जैसी आकर्षक चीजे केवल बयानबाजी हैं।
स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कहा, पिछले शासन में समाजवाद का कोई प्रतीक नही था। लेकिन जो पागलपन अब दिख रहा हैं वह अभूतपूर्व हैं।