10 मार्च को आये उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद यह तो तय था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सत्ता में फिर से आने के बाद सरकार की कमान योगी आदित्यनाथ के हाँथो में ही रहने वाला है। लेकिन उसके बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक एक ही चर्चा थी कि इस बार योगी 2.0 (Yogi 2.0) के मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी और किसे दरकिनार किया जाएगा।
आज शुक्रवार को लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम (एकन्ना स्टेडियम) में योगी 2.0 सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब यह चर्चा थम गयी है और सबके सामने यह साफ हो गया कि अबकी सरकार में किसे जगह मिलने वाली है और किसे नहीं।
जिन नए चेहरों को जगह मिली उनकी तो चर्चा हो ही रही है, लेकिन उस से ज्यादा चर्चा उन नामों का है जिनको पुराने मंत्रिमंडल में तो जगह मिली थी लेकिन इस बार उनका नाम मंत्रिमंडल वाली सूची से गायब था। अब इसके पीछे कई वजह हो सकती है। हो सकता है इन लोगों में से कुछ की अनदेखी की गई हो और यह भी हो सकता है कि कुछ लोगों को पार्टी और संगठन में अन्य विशेष पद दिया जा सकता है।
आइए जानते हैं वो 5 बड़े नाम जो पुराने मंत्रिमंडल के तो हिस्सा थे, पर योगी 2.0 के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली :-
1. दिनेश शर्मा, पूर्व उपमुख्यमंत्री
योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले लखनऊ के पूर्व मेयर और अब पूर्व उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को योगी-2.0 (Yogi 2.0) के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। हालांकि सियासी हलकों में ये भी खबर है कि दिनेश शर्मा को अगले कुछ दिनों में पार्टी के भीतर ही केंद्रीय नेतृत्व में जगह दी जा सकती है।
इस बार उनकी जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। जबकि सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्या को दूसरे उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई गई।
2. सतीश महाना
पुराने सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का नाम भी चर्चा में खूब रहा कि आखिर चुनाव जीतने के बाद भी योगी 2.0 के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। खबर है कि महाना को आगामी विधानसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और इसे देखते हुए उनका भी नाम मंत्रिमंडल वाली सूची में नही है।
3. श्रीकांत शर्मा
मीडिया जगत के बीच काफी लोकप्रिय बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पुराने योगी सरकार में उर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा का नाम भी नए मंत्रिमंडल से गायब है।
हालांकि अन्दरखाने की खबर के मुताबिक श्रीकांत शर्मा को उत्तरप्रदेश राज्य का बीजेपी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वर्तमान अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में जगह दी गयी है। इसलिए उनके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्रीकांत शर्मा को दिए जाने की संभावना है।
4. नीलकंठ तिवारी
योगी कैबिनेट से एक और महत्वपूर्ण नाम जिनका पत्ता इस बार साफ हुआ है, वह है नीलकंठ तिवारी का। नीलकंठ तिवारी पिछले मंत्रिमंडल में पर्यटन व धर्मार्थ कार्य मंत्री थे और इस बार वाराणसी दक्षिण सीट से चुनाव जीतकर आये हैं। वाराणसी में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इन्ही के विधानसभा क्षेत्र में आता है।
5. मोहसिन रजा
योगी सरकार के पुराने कैबिनेट से मोहसिन रजा का भी नाम इस नई सरकार में शामिल नहीं किया गया है। उनके जगह दानिश आज़ाद अंसारी को मंत्री बनाया गया है। इसके पीछे की वजह बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग है। मोहसिन रजा शिया और मुस्लिम सवर्ण जाति से आते हैं जबकि दानिश अंसारी मुस्लिम ओबीसी के अंसारी समुदाय से ताल्लुक रखते है।
मोहसिन रजा के बारे में कहा जा रहा है कि उनका प्रदेश की राजनीति में कोई बड़ा योगदान नहीं देखने को मिला और वे मुस्लिम समुदाय का बीजेपी के प्रति वोट प्रतिशत नहीं बढ़वा सके। नतीजतन इस बार के चुनाव में कुल मुस्लिम वोट का 85% सपा को गया जो एक रिकॉर्ड है।
इन पाँच बड़े नामो के अलावे कई और भी ऐसे चर्चित नाम रहे जिनका मंत्रिमंडल से पत्ता साफ किया गया है। जैसे-सिद्धार्थ नाथ सिंह, रमापति शास्त्री, जय प्रताप सिंह, अतुल गर्ग, डॉ महेंद्र सिंह, राम नरेश अग्निहोत्री इत्यादि।
वहीं कई ऐसे नाम ऐसे रहे जिन्हें योगी 2.0 की सरकार में जगह देकर बीजेपी ने सबको चौंका दिया है। इनमें काशी से आने वाले दयाशंकर दयालु, इंजीनियर आशीष पटेल, योगेंद्र उपाध्याय आदि रहे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करते श्री @myogiadityanath जी https://t.co/Pb8jmOVxha
— Government of UP (@UPGovt) March 25, 2022