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    अवैध शराब के कारोबार को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सपा को बनाया निशाना, कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी

    लखनऊ, 3 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आगामी कुछ सप्ताहों में अपने मंत्रिमंडल का आकार छोटा कर सकती है। नीति आयोग ने साल 2017 में राज्यों से बेहतर प्रशासन, जवाबदेही और तेज निर्णय लेने के लिए अपने मंत्रालयों और विभागों को पुनर्गठित करने के लिए कहा था।

    योगी आदित्यनाथ द्वारा इस काम के लिए गठित छह सदस्यीय राज्य समिति से 99 विभागों को 57 विभागों में बदलने के लिए कहा गया है।

    समिति की सिफारिशों की समीक्षा कर मंत्रिमंडल ने अंतिम निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

    मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “मंत्रिमंडल का विचार था कि राज्य के विभागों को केंद्र के अनुरूप होना चाहिए।”

    मंत्रिमंडल को पुनर्गठित करने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार की जा रही है और इसे मंत्रिमंडलीय मंजूरी के लिए जल्द रखा जाएगा। केंद्र ने जल संरक्षण जैसे नए विभाग बना दिए हैं।

    मंत्री ने कहा, “इसी के अनुसार, राज्य सरकार को केंद्र के सहयोग से तेज और सुचारु संचालन के लिए एक विभाग बनाना होगा।”

    समिति ने यह भी कहा है कि प्रदेश के 17 विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। इन विभागों में शर्करा और गन्ना विभाग, सहकारिता, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), परिवहन, आवास और शहरी विकास, जेल, चुनाव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, सचिवालय, संसदीय मामले, विधान परिषद, मुख्यमंत्री कार्यालय और श्रम हैं।

    रिपोर्ट्स में वित्त, पर्यटन और सामान्य प्रशासन जैसे प्रमुख विभागों के विलय की सिफारिशें की गई हैं।

    उत्तर प्रदेश में पर्यटन विभाग का भाषा तथा धार्मिक कार्य विभाग में विलय हो जाएगा।

    वित्त मंत्रालय को विस्तार देकर उसमें बैंकिंग और संस्थागत वित्त विभाग भी शामिल किए जाएंगे।

    नागरिक विमानन का प्रोटोकॉल (मंत्रियों के आवागमन पर वीआईपी ड्यूटी) और सरकारी संपत्तियों के मामले देखने वाले संपत्ति विभाग के साथ विलय किया जाएगा।

    सामान्य प्रशासन को राष्ट्रीय एकीकरण, उत्तर प्रदेश पुनर्निवेश और लोक सेवा विभाग के साथ विलय किया जाएगा।

    इसके साथ ही समाज कल्याण में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण, दिव्यांग सशक्तिकरण और कर्मचारी कल्याण विभाग भी जोड़े जाएंगे।

    विभागों के कम होने से मंत्रियों की संख्या में भी कमी आएगी। प्रदेश मंत्रिमंडल में इस समय मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 43 मंत्री हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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