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    योगी आदित्यनाथ

    योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश जिले में पिछले एक महीने में 100 से ज्यादा बच्चे लापरवाही की वजह से मौत का शिकार हो चुके हैं। सिर्फ पिछले 6 दिनों में योगी के गढ़ गोरखपुर में 60 बच्चे मर चुके हैं। क्या इसका कारण प्रशासन की लापरवाही है? क्या इन बच्चों को बचाया जा सकता था?

    प्रदेश में पीड़ित जनता और विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं। बच्चों की मौत के पीछे एक बीमारी है, जो एक प्रकार का मानसिक ज्वर है। इसे इन्सेफेलाइटिस का नाम दिया गया है। उत्तर प्रदेश में इस रोक से बच्चे 1978 से प्रभावित हो रहे हैं।

    कहने को तो गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का छेत्र है, और वो राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। इससे तो गोरखपुर सबसे विकसित इलाकों में गिना जाना चाहिए। लेकिन जब आप बच्चों की जानें नहीं बचा पाते हैं, तो इससे बड़ी लाचारी की बात और क्या हो सकती है? मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी ने गोरखपुर के लिए बड़े बड़े वादे किये थे, लेकिन जब वादे निभाने की बारी आयी, तो वे सिर्फ सफाई देते ही नज़र आये हैं।

    अगर इन मौतों की अच्छे से जांच की जाए, तो यह पाया जाएगा कि इसमें बीमारी से ज्यादा प्रशासन और अस्पताल की लापरवाही से मौतें हुई हैं। भविष्य में यह देखना होगा कि सरकार इन हादसों से कैसे सबक लेती है, और क्या जरूरी कदम उठाती है?

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।