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    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा ‘हमारी आस्था ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था भी है’ और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार गंगा यात्रा शुरू कर रही है। मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को लखनऊ में 5-कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास पर 27 से 31 जनवरी तक निकलने वाली गंगा यात्रा के रथ को हरी झंडी दिखाई और थीम सॉन्ग लॉन्च किया।

    इस दौरान उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों के कारण उत्तर भारत देश की सबसे उर्वरा भूमि के रूप में विकसित हुआ है। गंगा बेसिन से देश के 40 फीसदी भू-भाग को पर्याप्त जल उपलब्ध होता है।

    उन्होंने कहा, “सरकार ने यह तय किया है कि गंगा यात्रा जिन जिलों से निकलेगी, वहां के 21 नगर निकायों एवं 1,038 ग्राम पंचायतों में आने वाले समय में जैविक खेती होगी। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा पार्क, गंगा तालाब और गंगा मैदान का निर्माण किया जाएगा। इसी कारण गंगा में हमारी आस्था के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी देखा जा रहा है।”

    मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “मां गंगा देश के पांच राज्यों में 2,525 कि.मी़ की यात्रा तय करती है। इसमें गंगा सबसे ज्यादा 1,025 कि.मी़ की दूरी उत्तर प्रदेश में तय करती है। इसलिए स्वाभाविक रूप से इसकी स्वच्छता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सबकी है, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के अंदर मां गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए कई कदम उठाए हैं।”

    उन्होंने कहा, “कानपुर के सीसामऊ नाले में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर का पानी गिरता था। 128 वषों से यह सिलसिला चला आ रहा था। नमामि गंगे परियोजना के तहत आज एक बूंद भी सीवर का पानी गंगा जी में नहीं बह रहा है।”

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