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    लखनऊ, 13 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को कहा कि किसी मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।

    मुख्यमंत्री ने यहां लोकभवन में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान कहा, “मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद में भ्रमण करें, दफ्तर में न बैठें। सीएमओ प्रतिदिन किसी सीएचसीए पीएचसीए वेलनेस सेंटर का निरीक्षण करें।”

    उन्होंने कहा, “इससे यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जनपद के अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में तैनात चिकित्सक, नर्सिग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मी समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।”

    मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “जिले के अंदर सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अफसर फील्ड में जाना तय कर दें। वे तय करें कि एक अस्पताल, सामुदायिक केंद्र का औचक निरीक्षण करना है, जिससे कार्यों में तेजी आएगी।”

    उन्होंने कहा, “शिकायतें मिलती हैं कि सीएचसी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में न आकर बाजार में निजी प्रैक्टिस करते हैं। आप लोग इस पर नजर रखें। जिस डॉक्टर को सरकार समय से वेतन दे रही है, तो वह सीएचसी में समय से क्यों नहीं बैठ रहा है। अस्पतालों में दवा मिल रही है या नहीं मिल रही है, इसकी जांच भी समय-समय पर होनी चाहिए।”

    योगी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्टाफ से संवाद स्थापित करें, टीम भावना पैदा करें, ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर हो सकें। उन्होंने कहा कि “वेलनेस सेंटरों में योग करवाने चाहिए। आईएमए के साथ आप लोग संवाद बनाएं, इसका अच्छा परिणाम आएगा।”

    मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक को भी निर्देश दिया कि अलग-अलग दिनों में प्रदेश के सभी जनपदों का दौरा कर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें।

    योगी ने कहा, “मरीजों के प्रति चिकित्सक व अन्य स्टाफ का व्यवहार बेहतर होना चाहिए। 108 के रेस्पांस टाइम को और कम करना होगा। इसकी जवाबदेही तय करनी चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हर अस्पताल में एक नोडल अफसर बनाना चाहिए, जो कोई चिकित्सक हो। नोडल अफसर अस्पताल से जुड़ी छोटी-बड़ी कमियों की मानीटरिंग करे, जिससे मरीजों को कोई परेशानी न हो।”

    आदित्यनाथ ने कहा, “बिहार में अभी इंसेफेलाइटिस बीमारी से 35 मौतें हो गई हैं। वहां हाहाकार मचा हुआ है। आपदा से पहले तैयारी होनी चाहिए। हमें सतर्क रहना होगा। राज्य के प्रत्येक नागरिक को बिना भेदभाव के बेहतर इलाज करने के लिए हमें प्रतिबद्ध रहना होगा।”

    मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश के सभी 75 जनपदों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी इस अभियान से जुड़ेंगे। जुलाई में एक अभियान चलने जा रहा है। इसमें स्कूल-कॉलेज संगठन समेत हर तरह के लोगों की सहभागिता होगी।”

    उन्होंने क्षय रोग के नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ मासिक बैठक करने के निर्देश दिए हैं।

    समीक्षा बैठक में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय व प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी भी मौजूद रहे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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