Fri. May 3rd, 2024
    योगी आदित्यनाथ राम मंदिर

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ इस समय मॉरिशस देश के दौरे पर हैं। इस दौरे के पीछे कारण उत्तर प्रदेश में बाहरी निवेश लाना बताया जा रहा है।

    इस दौरान योगी आदित्यनाथ और गिरिराज सिंह ने मॉरिशस के व्यापार और ग्राहक मामलों के मंत्री अशित कुमार गुनगाह से मुलाकात की।

    मॉरिशस में योगी आदित्यनाथ के इस दौरे पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है। दरअसल, मॉरिशस में ज्यादातर तबके के लोग हिन्दू हैं। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग भी बड़ी मात्रा में हैं। योगी को वहां एक कट्टर हिन्दू नेता के रूप में देखा जाता है।

    इसके चलते मॉरिशस में रह रहे हिन्दुओं ने जहाँ योगी के इस दौरे का तहे दिल से स्वागत किया है, वहीँ कई लोगों ने इसका विरोध किया है। मॉरिशस की विपक्षी दल की एक पार्टी ने योगी के इस दौरे को रद्द करने की भी कोशिश की थी। यहाँ लोगों का कहना था कि मॉरिशस एक शांतिपूर्ण देश है और योगी आदित्यनाथ कट्टरवाद फैलाने के लिए जाने जाते हैं।

    इसके अलावा यह भी खबर है कि योगी आदित्यनाथ से पहले नितीश कुमार को इस दौरे के लिए ध्यान में रखा गया था। लेकिन किसी कारणवश यह संभव नहीं हो सका था। इसके चलते योगी आदित्यनाथ का दौरा रखा गया।

    मॉरिशस में बड़ी मात्रा में भारतीय उपमहाद्वीप के लोग रहते हैं। ऐसे में वहां के लोगों को भारतीय संस्कृति से विशेष लगाव है। वहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों की भी जड़ें भारत से ही विकसित हुई हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच भावनाओं का भी रिश्ता है।

    योगी आदित्यनाथ के इस दौरे को मॉरिशस में हिंदुत्व और अन्य सांप्रदायिक विषयों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। वहां योगी भारत के प्रतिनिधित्व बनकर गए हैं और ऐसे में वहां की मीडिया और लोगों को इसी भाव से उनका स्वागत करना चाहिए।

    योगी के मॉरिशस आगमन पर वहां की मीडिया में कई तरह की बाते छपी गयी थी। कुछ लोगों का कहना था कि इस दौरे की वजह से यहाँ कोई जनता में सांप्रदायिक सोच उत्त्पन्न हो जायेगी, जो अब तक नहीं थी। वहीँ कुछ लोगों का कहना था कि योगी को भारतीय मंत्री के नजरिये से देखना चाहिए और उनके दौरे को सुखद और संपन्न बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।