समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को योगी सरकार पर तीखे प्रहार किए है। उन्होंने कहा की “बीजेपी सरकार को सत्ता की कुर्सी से हटकर कोरोना मरीजों के लिए एक परिवार के सदस्य की तरह सोचना चाहिए और तत्काल उनके घरों मैं ऑक्सीजन का इंतजाम कराना चाहिए।” सोमवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय से जारी किए गए एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोविड-19 टीका के दामों में एकरूपता और देश भर में मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था की भी मांग की है।
अखिलेश यादव ने काला बाजारि जैसे मुद्दे पर योगी सरकार को घेर लिया। उन्होंने कहा कि योगी की सरकार कालाबाजारी पर रोक लगाने में नहीं दिखाई पड़ रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जिन अस्पतालों और डॉक्टरों के नाम और टेलीफोन नंबर भाजपा सरकार प्रचारित कर रही है, वे आधे से ज्यादा फर्जी निकल रहे हैं। उनका कहना था कि इसी झूठ के सहारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कमियां छुपा रहे हैं, जबकि असल में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
“पीड़ित परिवारों के आंसू सूख गए हैं और सरकार की आंख मैं एक कतरा पानी नहीं है। लोकतंत्र में भाजपा सरकार एक अभिशाप बन गई है।” उन्होंने समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से इस कोरोना वायरस महामारी के दौर में लोगों की हर संभव मदद करने की भी अपील की है।
श्मशान में लाशों का ढेर लग रहा है’
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दूरदर्शिता की कमी और लापरवाही से सरकार ने उत्तर प्रदेश को कोरोना प्रदेश बना दिया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने दावा किया की, “एक ओर सरकार मृतकों की संख्या कम करके फर्जी आंकड़े दे रही है, दूसरी तरफ श्मशान में चिताएं बुझने का नाम नहीं ले रही हैं। ऑक्सीजन, बेड, दवा न मिलने से सांसों का आपातकाल है।’ उन्होंने कहा, भाजपा विधायक और सांसद तक हालात से परेशान होकर धरना देने की चेतावनी दे रहे हैं, यह सरकार की नाकामी नहीं तो क्या है।”
उन्होंने कहा कि इस अक्षम और अयोग्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह लापरवाही भरा कार्य मानवीय भूल नहीं अपराध है।