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    फ्रांस के राष्ट्रपति एम्मनुएअल मक्रों

    फ्रांस में सरकार विरोधी आवाज़े बढती जा रही है, देश की राजधानी पूरी तरह प्रदर्शनकारियों की गिरफ्त में हैं। इस बढ़ते तनाव के मध्य फ्रांस के राष्ट्रपति एम्मनुएअल मक्रों ने राष्ट्र को संबोधित करने का निर्णय लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति का यह प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली टिप्पणी होगी। शनिवार को पेरिस और अन्य शहरों में इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों में राष्ट्रपति की अमीरों के फायदे वाली नीतियों के खिलाफ आक्रोश है।

    राष्ट्रपति मक्रों इसके बाद व्यापार संघवादी और बिज़नेस नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक पेरिस में मक्रों विरोधी प्रदर्शन पहले हफ्ते के मुकाबले कम हिंसक हुए थे, इसमें कम लोग जख्मी हुए थे लेकिन राजधानी की संपत्ति का ख़ासा नुकसान कर दिया था।

    पेरिस के उप मेयर ने कहा कि  प्रदर्शनकारियों का फैलाव हुआ, जिससे कई स्थान प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि बहुत नुकसान हुआ है, कई शहरों में प्रदर्शन में भयावह हिंसक रूप धारण किया था। फ्रांस के विदेश मंत्री ब्रूनो ले मिरे ने कहा कि यह फ्रांस की अर्थव्यवस्था के लिए तबाही है, हिंसक प्रदर्शन के कारण सारी सड़के बंद रही और पर्यटक पेरिस में यात्रा करने से वंचित रह गए थे। फ्रेंच विभागों ने इन हिंसक प्रदर्शनों से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत कर दी थी, नतीजतन शनिवार को आइफेल टावर बंद रहेगा। फ्रेंच की राजधानी पेरिस में 8000 पुलिस कर्मी तैनात किये थे।

    सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारी ग्रामीण इलाकों से छोटे शहरों तक हिंसक प्रदर्शन की लपटे फ़ैल गयी हैं। उन्होंने कहा कि पेरिस के ऑफिस से यह सब समझना मुश्किल है।

    हजारो की संख्या में गिरफ्तारी

    पेरिस में 17 नवम्बर को यह प्रदर्शन शुरू किया गया था। आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक इस प्रदर्शन में एक लाख 36 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर 2 हज़ार लोगों को कब्जे में लिया गया है। फ्रांस के प्रमुख अभियोक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में अधिक 40 वर्ष से कम उम्र के थे जिनका पिछला कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। गिरफ्तार किये गर्ये प्रदर्शनकारियों में से तक़रीबन 100 नाबालिग हैं।

    फ्रांस24 के मुताबिक ईंधन की कीमत बढ़ने से नाराज होकर वाहनचालकों ने इस प्रदर्शन की शुरुआत की थी लेकिन अब महंगे जीवन स्तर के के कारण यह प्रदर्शन व्यापक होता जा रहा है। इस प्रदर्शन में आंदोलनकारी पेंशन में वृद्धि, टैक्स के कमी, उच्च तनख्वाह और राष्ट्रपति मैक्रोन की सरकार को जनता की सरकार में तब्दील होने की मांग की है।

    ख़बरों के मुताबिक इस प्रदर्शन के तार रूस से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। फ्रांस विभाग ने जांच के लिए सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नज़र बनाये रखने को कहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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